Vasundhara Raje: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के मुंहबोले भाई बापू सिंह (Bapu Singh) उर्फ श्याम का निधन हो गया है. बापू सिंह झालावाड़ (Jhalawar) के रहने वाले थे. जो पूर्व सीएम राजे का राजनीतिक गढ़ है. झालावाड़ के झालरापाटन विधानसभा सीट से वसुंधरा राजे पांचवीं बार विधायक बनी हैं. साथ ही झालावाड़ लोकसभा सीट से भी वसुंधरा राजे पांच बार सांसद बन चुकी हैं. अब झालावाड़ लोकसभा सीट से उनके बेटे दुष्यंत सिंह राजे की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
झालावाड़ के भगवानपुर के रहने वाले थे नाथू और बापू सिंह
पूरे राजस्थान में बेहद लोकप्रिय वसुंधरा राजे का झालावाड़ से रिश्ता सबसे अलग था. राजे झालावाड़ को अपना घर मानती हैं. पूरा झालावाड़ भी राजे को अपना नेता. लेकिन झालवाड़ के पिडावा थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी दो जुड़वा भाई नाथू सिंह और बापू सिंह से वसुंधरा राजे का संबंध सबसे अलग था.
वसुंधरा राजे ने बनाया था मुंह बोला भाई
वसुंधरा राजे झालावाड़ निवासी इन दोनों जुड़वा भाइयों नाथू सिंह और बापू सिंह को अपना मुंहबोला भाई मानती थी. राजे जब भी झालावाड़ आती, ये दोनों भाई उनके साथ नजर आते थे. झालावाड़ में वसुंधरा राजे की हर सभा में दोनों भाइयों की मौजूदगी नजर आती थी. लेकिन अब यह नजारा नहीं देखने को मिलेगा. क्योंकि राखी के दिन वसुंधरा राजे के एक मुंह बोले भाई बापू सिंह का निधन हो गया.
बापू सिंह का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षतिः राजे
इन दोनों भाइयों का राम और श्याम नाम वसुंधा राजे ने ही दिया था. बापू सिंह के निधन पर वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- राम और श्याम मेरे मुँहबोले भाई, मेरे झालावाड़ परिवार का एक अभिन्न अंग. कल रक्षाबंधन के दिन श्री बापू सिंह जी, जिन्हें हम श्याम बुलाते थे, अचानक चल बसे. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है.
राम और श्याम मेरे मुँहबोले भाई, मेरे झालावाड़ परिवार का एक अभिन्न अंग। कल रक्षाबंधन के दिन श्री बापू सिंह जी, जिन्हें हम श्याम बुलाते थे, अचानक चल बसे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) August 20, 2024
आज मन व्यथित है। बीते दो दशक में कोई रक्षाबंधन ऐसा नहीं गया, जब दोनों भाइयों को मैंने… pic.twitter.com/Fox2eVtAbz
हर साल रक्षाबंधन के दिन राखी बांधती थी राजे
आज मन व्यथित है. बीते दो दशक में कोई रक्षाबंधन ऐसा नहीं गया, जब दोनों भाइयों को मैंने राखी नहीं बांधी. मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करें. वह मेरी स्मृतियों में सदैव ज़िंदा रहेंगे. ॥ॐ शान्ति॥
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