झुंझुनूं में 24 बीघा जमीन विवाद गैंगवार की वजह बना. खिरोड़ गांव फायरिंग केस में बड़ा खुलासा हुआ है. बदमाश श्रवण भादवासी ने रविंद्र कटेवा की हत्या के लिए 50 लाख रुपए की सुपारी ली. पुलिस ने 10 बदमाश राउंड अप किए और हिस्ट्रीशीटर रविंद्र कटेवा को भी डिटेन किया है. जांच में सामने आया कि कैमरी की ढाणी निवासी गोठड़ा थाने के हिस्ट्रीशीटर रविंद्र कटेवा सीकर जिले के भादवासी गांव में 24 बीघा जमीन पर कब्जे की फिराक में था. पुलिस फंडिंग और आपराधिक नेटवर्क की कड़ियां खंगाल रही हैं.
महीनों से चल रहा था संघर्ष
महीनों से चल रहे जमीन कब्जे के संघर्ष में आखिरकार सुपारी देकर हत्या की साजिश रची गई. जमीन को लेकर बदमाश श्रवण फगेड़िया और उसकी भाभी शारदा के बीच पहले से विवाद चल रहा था. इस मामले में रविंद्र कटेवा ने केवल शारदा के साथ था, लेकिन फिर उसकी नीयत बदल गई. बल्कि खुद ही जमीन को लेने की फिराक में था.
इसी दौरान रविंद्र कटेवा ने श्रवण के साथी सुरेश पर जानलेवा हमला कर दिया. हालांकि बाद में दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ, लेकिन जमीन श्रवण के नाम नहीं हुई. यही बात श्रवण के लिए बदले की वजह बन गई. पुलिस के अनुसार, श्रवण ने चार बदमाशों को सुपारी देकर रविंद्र कटेवा की हत्या की साजिश रची.
दोनों पक्षों में हुआ था राजीनामा
झुंझुनूं एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि रविंद्र कटेवा ने जमीन की नोटेरी करवा रखी थी. जबकि श्रवण भादवासी दूसरा पक्ष था. इसी विवाद के चलते पूर्व में मारपीट हुई थी, जिसका मुकदमा दादिया थाने में दर्ज है. विवाद की आग तब और भड़की जब रविंद्र कटेवा ने श्रवण के साथी सुरेश पर जानलेवा हमला किया. बाद में दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ, लेकिन जमीन श्रवण के नाम नहीं हुई.
रंजिश बढ़ती चली गई और श्रवण ने चार बदमाशों को सुपारी देकर रविंद्र कटेवा की हत्या के लिए भेज दिया. रानोली थाने का हिस्ट्रीशीटर पलसाना निवासी कृष्णकांत उर्फ रविकांत उर्फ गोलू स्वामी ने भी सुपारी ली. जबकि दूसरा रविंद्र कटेवा का साथी बदमाश ढाका की ढाणी निवासी सुनिल सुंडा था.
शेखावाटी में कुख्यात था रविंद्र कटेवा
रविंद्र कटेवा शेखावाटी क्षेत्र में जमीनों पर जबरन कब्जा, जमीन विवादों में मारपीट और जानलेवा हमलों के लिए कुख्यात रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कथित राजनीतिक संरक्षण के चलते उसका प्रभाव लगातार बढ़ता गया और उसने सीकर व झुंझुनूं में कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि कटेवा एक समय ऑनलाइन ठगी के नेटवर्क से भी जुड़ा रहा है.
खिरोड़ गांव निवासी कटेवा ने वर्ष 2023 में अपनी गैंग आरके ग्रुप 0056 की नींव रखी. लालच देकर युवाओं को जोड़ा गया और धीरे-धीरे गैंग की ताकत 100 से 150 सदस्यों तक पहुंच गई. यह गैंग मुख्य रूप से जमीन कब्जा, विवादों में हिंसा और हत्या के प्रयास जैसी संगीन वारदातों में शामिल रही है.
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