Rajasthan News: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार अलग सियासत दिख रही है. इस बार कई सीटों बीजेपी के उम्मीदवारों के सामने टक्कर देने वाले प्रत्याशी मैदान में हैं. इस बार बीजेपी ने राजस्थान में मिशन 25 का लक्ष्य रखा है. लेकिन मिशन 25 के लिए खतरा भी दिख रहा है. क्योंकि कई सीटों पर दिग्गज हाथ आजमा रहे हैं जबकि कुछ सीटों पर तो बीजेपी के बागी मैदान में उतरे हैं. इन सीटों में कोटा-बूंदी लोकसभा सीट भी शामिल है. इस सीट पर तो ओम बिरला लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे हैं. क्योंकि उनके सामने बड़ा प्रतिद्वंदी भी नहीं थे. लेकिन 2024 के आम चुनाव में इस बार उनके सामने धूर विरोधी और कड़ा प्रतिद्वदी खड़ा है. जिसके बाद माना जा रहा है कि ओम बिरला के पसीने छुटने लगे हैं.
दरअसल, ओम बिरला के सामने प्रहलाद गुंजल की चुनौती है. जिसके साथ उनकी कभी नहीं बनी और दोनों को धूर विरोधी माना जाता है. प्रहलाद गुंजल करीब 40 सालों से बीजेपी थे. लेकिन ओम बिरला से अदावत के बाद उन्हें कांग्रेस ज्वाइन करना पड़ा. अब वह कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से ओम बिरला के सामने खड़े हैं.
गुंजल के नामांकन का वीडियो वायरल
प्रहलाद गुंजल ने 30 मार्च को कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से अपना नामांकन कराया है. वहीं, उनके नामांकन में जिस तरह से कार्यकर्ताओं और आम लोगों की भीड़ दिखी है. उसके बाद इसे ओम बिरला के लिए खतरे की घंटी बताया जा रहा है. हालांकि, ओम बिरला का नामांकन अभी बाकी है. लेकिन कहीं न कहीं ओम बिरला जरूर इस भीड़ को देखने बाद शक्ति प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे. और वह इससे बड़ी भीड़ जुटाने की रणनीति तैयार कर रहे होंगे. ओम बिरला 3 अप्रैल को अपना नामांकन कराने जा रहे हैं.
नामांकन रैली में आशीर्वाद देने उमड़े जनसैलाब के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद। 🙏#KotaBundi #CongressParty pic.twitter.com/wEpgJIeMrQ
— Prahlad Gunjal (@PrahladGunjal) March 30, 2024
ओम बिरला ने झोंकी ताकत
ओम बिरला भले ही कोटा-बूंदी सीट पर दो बार लगातार जीत की है. वहीं उनके पास पीएम मोदी का सपोर्ट भी है. लेकिन इसके बावजूद वह प्रहलाद गुंजल को हल्के में नहीं ले सकते हैं. यही वजह है कि ओम बिरला प्रत्येक छोटे-छोटे गांव में पहु्ंच रहे हैं और बूंदी क्षेत्र पर उनका ज्यादा ध्यान दिख रहा है. वहीं, प्रहलाद गुंजल बीजेपी में 40 साल तक रहे हैं और उनके जाने से बीजेपी को नुकसान भी जरूर हुआ है जिसका असर ओम बिराल पर भी जरूर पड़ने वाला है. प्रहलाद गुंजल एक जमीनी नेता और ऐसा कहा भी जाता है कि वह भीड़ जुटाने वाले नेताओं में से हैं. ऐसे में कहीं न कहीं प्रहलाद गुंजल का पलड़ा भी भारी दिख रहा है. इस वजह से ओम बिरला ने अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है.
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