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This Article is From Apr 02, 2024

Kota Kidnapping Case: कोटा से लापता होने की फर्जी कहानी बनाने वाली छात्रा को पुलिस ने ढूंढ निकाला, दोस्त के साथ गई थी पंजाब

पुलिस ने अगवा किए जाने का कथित नाटक करने वाली 21 वर्षीय युवती और उसके दोस्त को पुलिस ने मंगलवार को इंदौर में ढूंढ निकाला.

Kota Kidnapping Case: कोटा से लापता होने की फर्जी कहानी बनाने वाली छात्रा को पुलिस ने ढूंढ निकाला, दोस्त के साथ गई थी पंजाब

Kota Kidnapping Case: कोटा कोचिंग में पढ़ाई करने वाली छात्रा 17 मार्च को लापता हुई थी. वहीं बाद में 20 मार्च को खुलासा हुआ था कि उसने विदेश यात्रा के लिए 30 लाख रुपये जुटानी की साजिश में खुद का अपहरण करवाया. हालांकि, इसके बाद भी छात्रा पुलिस के पकड़ से बाहर थी. लेकिन अब पुलिस को सफलता मिल गई है. पुलिस ने अगवा किए जाने का कथित नाटक करने वाली 21 वर्षीय युवती और उसके दोस्त को पुलिस ने मंगलवार को इंदौर में ढूंढ निकाला. इस बात की जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस ने दी है.

इंदौर की अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि  हमने काव्या (21) और उसके हमउम्र दोस्त हर्षित को शहर में ढूंढ निकाला है. उन्होंने बताया कि काव्या और हर्षित ने शहर के देवगुराड़िया क्षेत्र के पास दो दिन पहले ही किराये पर कमरा लिया था.

काव्या और हर्षित चले गए थे पंजाब

पुलिस ने बताया कि कोटा पुलिस जब काव्या और हर्षित को इंदौर में तलाश रही थी. तो वह दोनों पंजाब के अमृतसर चले गए थे. लेकिन दो दिन पहले ही वह दोनों वापस इंदौर आए थे और देवगुराड़िया क्षेत्र के पास किराये पर कमरा लेकर रह रहे थे. हालांकि इसकी सूचना जब पुलिस को मिली तो उन्होंने दोनों को ढूंढ निकाला है. पुलिस ने बताया कि काव्या और उसके दोस्त के मिलने के बारे में कोटा पुलिस को सूचना दे दी गई है और मामले में आगामी कदम कोटा पुलिस उठाएगी.

अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश के शिवपुरी की निवासी काव्या के माता-पिता को 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग के साथ अपनी बेटी के हाथ-पैर बंधे होने की तस्वीर मिली थी. इसके बाद काव्या के पिता रघुवीर धाकड़ ने 18 मार्च को कोटा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है.

रची थी अपहरण की फर्जी कहानी

अधिकारियों के मुताबिक, कोटा पुलिस ने काव्या के कथित अपहरण को लेकर मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच में अपहरण की कहानी फर्जी पाई गई थी. उन्होंने जांच के हवाले से बताया कि काव्या और उसका मित्र हर्षित विदेश जाना चाहते थे, लेकिन उनके पास पर्याप्त रकम नहीं थी, इसलिए उन्होंने फिरौती के लिए अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी.

पुलिस के अनुसार, अपहरण की कहानी गढ़े जाने के दौरान काव्या अपने माता-पिता को तस्वीरें और संदेश भेजकर विश्वास दिला रही थी कि वह कोटा में है, जबकि कुछ सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिला कि इस घटनाक्रम के दौरान युवती अपने दोस्त के साथ इंदौर में थी.

राजस्थान पुलिस के मुताबिक, काव्या की मां उसे पिछले साल कोटा के एक छात्रावास में पढ़ने के लिए छोड़कर गई थी, लेकिन वह महज तीन दिन कोटा में रही थी. पुलिस का दावा है कि कोटा में अपनी मां द्वारा छात्रावास में छोड़े जाने के बाद काव्या इंदौर चली गई थी और मध्यप्रदेश के इस शहर में अपने दो पुरुष मित्रों के साथ रह रही थी.

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