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This Article is From Sep 04, 2023

कोटा में बच्चे क्यों कर रहे सुसाइड? चार अलग-अलग समूहों संग बैठक कर कमेटी ने जाने कारण, दिए निर्देश

कोटा में इस साल अभी तक 23 प्रतियोगी बच्चों ने सुसाइड किया है. यहां सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए गहलोत सरकार ने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है. जिसने सोमवार को कोटा में चार अलग-अलग समूहों के साथ बातचीत कर जानकारी ली और अहम सुझाव दिए.

कोटा में बच्चे क्यों कर रहे सुसाइड? चार अलग-अलग समूहों संग बैठक कर कमेटी ने जाने कारण, दिए निर्देश
कोटा सुसाइड के मामले में राज्यस्तरीय कमेटी की बैठक में शामिल लोग.

कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए गहलोत सरकार ने एक राज्यस्तरीय कमेटी बनाई है. सोमवार को यह कमेटी कोटा पहुंची. जहां कमेटी ने कोचिंग संस्थानों में कार्यरत मनोसलाहकार, एनएमएच टीम, मेडिकल कॉलेज प्रोफेसर मनोचिकित्सा, गायनोकोलॉजी व प्रसूति विज्ञान, हॉस्टल, पीजी संचालकों, मकान मालिकों, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों, एनजीओ, सिविल सोसायटी, मीडिया, आध्यात्मिक, योगा संगठनों एवं जिला प्रशासन के साथ गहन विचार-विमर्श किया. प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर विभिन्न पक्षों से संवाद किया. सोमवार को समिति ने चार सत्रों में अलग-अलग समूहों केसाथ विस्तार से चर्चा कर सुझाव प्राप्त किए.
 

समिति आत्महत्या प्रकरणों के निराकरण के लिए उपाय एवं कार्ययोजना तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी. बैठक के दौरान शासन सचिव नवीन जैन एवं निम्हान्स, बैंगलूरू संस्थान के विशेषज्ञ VC के जरिये जुडे.

पहले कोचिंग के काउंसलर्स से कमेटी ने जाने कारण

पहले सत्र में कोचिंग संस्थानों में कार्यरत काउंसलर्स के साथ संवाद हुआ, जिसमें समिति ने उनकी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, कार्यविधि, विद्यार्थियों के साथ उनके संवाद, सामने आने वाली समस्याओं  के बारे में पूछते हुए सुझाव लिए कि माहौल को सकारात्मक बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए? काउंसलर्स से बातचीत के दौरान सामने आई खामियों को दूर करने एवं उपयुक्त प्रशिक्षण लेने को कहा गया?

विद्यार्थियों से काउंसलिंग का पूरा डाटा संधारित करने, मनोस्थिति को पहचानकर स्वयं समझाइश की पहल करने, अभिभावकों से निरंतर सम्पर्क में रहने सहित विभिन्न बिन्दुओं पर समिति ने निर्देश दिए. इसके बाद हॉस्टल पीजी संचालकों के साथ हुई बातचीत में समिति सदस्यों ने हॉस्टल में उपलब्ध सुविधाओं, वातावरण एवं व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली. 

हॉस्टल-पीजी में बच्चों को दें घर जैसा वातावरण

समिति सदस्यों ने कहा कि हॉस्टल, पीजी इत्यादि में घर जैसा वातावरण देने की कोशिश होनी चाहिए. साथ ही मोटिवेशनल, आनन्ददायी गतिविधियों का समावेश करना चाहिए. परिसर में शिक्षाप्रद एवं प्रेरक सकारात्मक वाक्यों का प्रस्तुतीकरण करना चाहिए.

कोचिंग संचालकों ने दिए ये सुझाव

इसके बाद कोचिंग संस्थानों के साथ आयोजित बैठक में समिति को सिलेबस कम करने, सप्ताह में दो दिन अवकाश, विद्यार्थियों की हॉबी की पहचान कर उसके अनुसार म्यूजिक कार्यक्रम, खेल गतिविधियां आयोजित करने, रोजगार के विकल्पों की जानकारी देने, अभिभावकों की काउंसलिंग एवं हॉस्टलों में बायोमैट्रिक उपस्थिति के संबंध में सुझाव प्राप्त हुए.

सिविल सोसायटी से मिले ये सुझाव

सिविल सोसायटी एवं मीडिया के साथ आयोजित बैठक में खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने नाकारात्मकता दूर करने के लिए संस्कार व आध्यात्मिक शिक्षा भी देना का सुझाव दिया. डॉ. आरसी साहनी ने हॉस्टल के कमरों में दो बच्चों को रखने, गोविंद राम मित्तल ने कोचिंग में प्रवेश के समय स्क्रीनिंग करने का सुझाव दिया. 

डॉ. एमएल अग्रवाल ने जेईई की तरह नीट की परीक्षा भी वर्ष में दो बार कराने का सुझाव दिया. समिति को एनजीओ, योगा संस्थाओं एवं विशेषज्ञों द्वारा मौखिक एवं लिखित में सुझाव प्रस्तुत किए. मालूम हो कि कोटा में इस साल अभी तक 23 छात्रों ने सुसाइड किया है. जिसके बाद राजस्थान सरकार ने प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है.

कमेटी में शामिल हैं ये लोग

इस कमेटी में आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग डॉ रवि सुरपुर, प्रबन्ध निदेशक नेशनल हेल्थ मिशन डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी, कोटा कलक्टर ओपी बुनकर, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग हृदेश कुमार शर्मा, संयुक्त सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. फिरोज अख्तर सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर, सीनियर प्रो. मनोचिकित्सा विभाग एसएमएस अस्पताल प्रो. आलोक त्यागी शामिल हैं. 

यह भी पढ़ें - कोटा के बाद अब सीकर में कोचिंग स्टूडेंट ने किया सुसाइड, नीट की तैयारी कर रहा था कौशल 

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