Kuwait Fire: कुवैत के दक्षिण शहर मंगाफ में 7 मंजिला इमारत में आग लगने के बाद अब मजदूरों के सामने एक और मुसीबत सामने आ गई है. इमारत में भीषण आग के बाद अब मजदूरों को जर्जर और पुरानी इमारतों से निकाला जा रहा है. इसके कारण अब मजदूर सड़क पर रहने को मजबूर हो गए. सड़कों पर सामान पड़ा होने के कारण मजदूर अब काम पर नहीं जा पा रहे हैं.
45 भारतीयों की हुई थी मौत
बता दें कि कुवैत के मंगाफ में 12 जून को एक 7 मंजिला इमारत में भीषण आग (Kuwait Fire) लग गई थी. आग की इस घटना में इमारत में रहने वाले 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई थी. वहीं, 50 अन्य मजदूर घायल हो गए थे. इमारत में आग लगने से मरने वालों में 45 भारतीय मजदूर शामिल हैं. जिस इमारत में आग लगी थी, उसमें 196 प्रवासी मजदूर रह रहे थे.
बेघर हुए भारत के हजारों श्रमिक
इस घटना के बाद कुवैत में अब जर्जर और पुरानी इमारतों से मजदूरों को निकाला जा रहा है. ऐसे में मजदूर सामान के साथ सड़कों पर रहने को मजबूर हो गए हैं. कुवैत के बेनिद-अल-गर (इस्तिकलाल शहर) में रह रहे राजस्थान के बांसवाड़ा के छींच गांव निवासी मनोज सुथार ने बताया कि मंगाफ शहर में हुए हादसे के बाद कुवैत सरकार और इस्तिकलाल प्रशासन सख्त हो गया है.
मुसीबत में राजस्थान के हजारों श्रमिक
पुरानी और असुरक्षित इमारतों को खाली करवाया जाया रहा है. ऐसे में राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर के करीब 5 हजार मजदूर प्रभावित हुए हैं. इन लोगों से इमारत खाली करवा ली गई और ये सभी सड़क पर आ गए हैं. कमरे भी किराए पर नहीं मिल रहे हैं, जिसके कारण सड़कों पर रहने को मजबूर हैं और काम पर भी नहीं जा रहे हैं. ध्यान देने वाली बात है कि ये मजदूर जहां रह रहे हैं, वहां से भारतीय दूतावास महज कुछ ही दूरी पर है. फिर भी इनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.
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