Rajasthan politics: बांसवाड़ा लोकसभा सीट राजस्थान की हॉट सीटों में शामिल है. यहां से भाजपा ने कांग्रेस से आए कद्दावर नेता महेंद्रजीत मालवीय को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम दिन यहां से अर्जुन सिंह बामनिया को टिकट दिया था. लेकिन बामनिया नॉमिनेशन नहीं कराया. अंतिम समय में बांसवाड़ा में कांग्रेस से अरविंद डामोर ने नामांकन कराया है. आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा लोकसभा सीट से क्षेत्रीय पार्टी भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने राजकुमार रोत को उम्मीदवार बनाया है. इन तीनों ने अपना नामांकन करवा लिया है. लेकिन बांसवाड़ा में नामांकन के अंतिम दिन तक कांग्रेस और BAP में गठबंधन की उम्मीद थी. जो अभी तक पूरी नहीं हुई. लेकिन नामांकन के बाद भी बांसवाड़ा में कांग्रेस और BAP में गठबंधन की उम्मीद कायम है.
राजकुमार रोत बोले- कांग्रेस और आदिवासी पार्टी का उद्देश्य एक
शनिवार को बांसवाड़ा में कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी में गठबंधन की यह उम्मीद उस समय और बढ़ गई जब आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत का बयान सामने आया. दरअसल शनिवार को लोकसभा चुनाव के तहत डूंगरपुर में प्रचार कर रहे भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के साथ लोकतंत्र को बचाने के लिए देश की बड़ी शक्ति के सामने लड़ रहे है. भारत आदिवासी पार्टी भी उसी उद्देश्य के साथ है.
कुछ कांग्रेसी नेता भाजपा के लिए कर रहे कामः रोत
राजकुमार रोत ने आगे कहा कि अगर डूंगरपुर-बांसवाड़ा के क्षेत्रीय कांग्रेसी नेता अगर राहुल गांधी का समर्थन करते है तो उन्हें भी यहां पर बीएपी से गठबंधन करना चाहिए और कांग्रेस को धोखा देकर भाजपा में गए व्यक्ति को सबक सिखाना चाहिए. लेकिन उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की डूंगरपुर व बांसवाडा में कुछ कांग्रेसी नेता भाजपा के लिए काम कर रहे हैं और वो इसी लिए ये गठबंधन नहीं होना देना चाहते है. वहीं उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेसी नेता व भाजपा हाईकमान की मनमानी से परेशान भाजपा नेता भी उनके साथ जुड़े हुए है. ऐसे में राजकुमार रोत ने बांसवाडा-डूंगरपुर सीट पर जीत का दावा किया है.
गणेश घोघरा ने किया पटलवार, कहा- स्वार्थ की राजनीति कर रहे
राजकुमार रोत के बयान पर कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने पलटवार किया है. विधायक गणेश घोघरा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने लड़ रही है. लेकिन बीएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गठबंधन को लेकर साफ इंकार करते रहे. जब कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया तो अब गठबंधन की याद आ रही है. बीएपी के प्रत्याशी वास्तव में लोकतंत्र को बचाना चाहते है तो कांग्रेस के साथ आ जाए.
घोघरा ने आगे कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अपना फार्म वापस ले ले. तो कांग्रेस और बीएपी मिलकर ये लड़ाई लड़ेंगे. लेकिन अगर वे फार्म वापस नहीं लेते है तो ये साफ हो जाएगा की वे स्वार्थ की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे है. कांग्रेस ओर राहुल गांधी के इरादे नेक है और पार्टी चुनाव लड़ेगी. इससे पहले बीएपी के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस को बीएपी से गठबंधन का न्योता दिया था.
अब आगे क्या हो सकता है
स्थानीय नेताओं की बयानबाजी के बीच अब देखना यह है कि दोनों दलों के सीनियर नेता क्या निर्णय लेते हैं. यदि बांसवाड़ा में दोनों दल एक हो गए तो यह निश्चित तौर पर भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजाने वाली बात होगी. क्योंकि इस क्षेत्र में कांग्रेस के साथ-साथ आदिवासी पार्टी के समर्थकों की बड़ी संख्या है. बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में मतदान होना है. यदि कांग्रेस और बाप में गठबंधन हो जाती है तो यहां किसी एक उम्मीदवार को अपना नामांकन वापस लेना होगा. जो भी हो दो-चार दिन यहां की स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी.
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