Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान का सियासी पारा गरमाया हुआ है. प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर शुरुआती दो चरण में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होना है. वोटिंग डेट नजदीक आते ही प्रदेश में धुआँधार प्रचार शुरू हो चुका है. राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के ताबड़तोड़ दौरे हो रहे हैं. बीते कुछ दिनों में पीएम मोदी की राजस्थान के पांच से अधिक अलग-अलग शहरों में जनसभाएं और रोड शो हो चुकी है. अमित शाह, जेपी नड्डा, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी सहित भाजपा खेमे से कई बड़े नेता लगातार राजस्थान में लगातार सक्रिय है. दूसरी ओर कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जैसे नेताओं की सभाएं हो रही है. शुक्रवार को पीएम मोदी बाड़मेर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे.
चुनाव है इसलिए पीएम और केंद्रीय मंत्री आएंगे हीः गहलोत
शुक्रवार को बाड़मेर में पीएम मोदी की रैली से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर तीखा हमला किया. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि 'यह संसद का चुनाव है इसलिए पीएम, केंद्रीय गृह मंत्री सभी आएंगे. लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान की बात है, हमारी सरकार बनने वाली थी. ...लेकिन उन्होंने (BJP) बहुत झूठ फैलाया.
कन्हैया लाल हत्याकांड पर बीजेपी ने फैलाया झूठः गहलोत
गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बहुत खराब है और बलात्कार हो रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि हमने कन्हैया लाल के परिजनों को 5 लाख रुपये और मुसलमानों को 50 लाख रुपये दिए, और यह बन गया वायरल। इतना झूठ फैलाना उचित नहीं है...जब हत्या हुई तो मैं खुद मौके पर गया था और उनके दोनों बच्चों को नौकरी दे दी गई...हमने 2 घंटे के अंदर 2 मुख्य आरोपियों को भी पकड़ लिया...लेकिन मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया और अब किसी को पता नहीं है कि एनआईए क्या कर रही है"
'उनकी कहनी और कथनी में अंतर'
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, "अभी(जम्मू-कश्मीर में) क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं चुनाव?... उनकी कहनी और कथनी में अंतर होता है... मुझे इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना." मालूम हो कि पिछले साल राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को रिवाज बदलने की उम्मीद थी. गहलोत सरकार की योजनाओं की लोग सराहना भी कर रहे थे. लेकिन जब परिणाम आया तो भाजपा स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने वाली थी.
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