Kota Newborns Death in Kota CHC: कोटा के सुकेत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में दो नवजात की मौत के प्रकरण में NDTV की ख़बर का बड़ा असर हुआ है. इस मामले में चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेते हुए 14 चिकित्सा कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा विभाग ने एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया है. ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को एपीओ कर दिया है.
चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि सुकेत सीएचसी में चिकित्सा कार्मिकों की लापरवाही से दो नवजात की मृत्यु का प्रकरण सामने आने पर चिकित्सा विभाग कोटा जोन के संयुक्त निदेशक से तत्काल जांच करवाकर सख्त एक्शन लिया है. प्रकरण में बीसीएमओ की तीन सदस्यीय कमेटी से बच्चों की मौत के कारणों की जाँच करायी गयी थी.
जांट कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई थी कर्मियों की लापरवाही
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दोनों नवजात की मृत्यु लू-तापघात से होना नहीं पाया है, लेकिन कमेटी ने पाया कि सीएचसी में चिकित्सा कार्मिकों की ओर से विभिन्न स्तरों पर काफी समय से लापरवाही की जा रही थी. इसके चलते चिकित्सा विभाग की ओर से एक साथ कई कार्मिकों के विरूद्ध एक्शन लिया गया है. उन्होंने कहा कि आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
ड्यूटी से गायब रहने वाली महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता निलंबित
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि स्वेच्छा से अनुपस्थित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता चंद्रावती शर्मा को तत्काल निलंबित कर दिया गया है. बीसीएमओ डॉ. रईस खान को लापरवाही और राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना पर एपीओ किया गया है. सीएचसी में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. अर्पित गुप्ता को बिना अवकाश स्वीकृत अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस देते हुए सीसीए नियम-16 के तहत कार्रवाई की जा रही है.
इन कर्मियों को सीसीए 16 और 17 के तहत नोटिस
प्रसविका पुष्पलता सक्सेना और नर्सिंग ऑफिसर बजरंग लाल मीणा, हेमन्त, राहुल शर्मा, आशिक, फराज बेग, विजय कुमार पंचौली, नितेश वर्मा तुषार यादव द्वारा कर्तव्य में लापरवाही पर कारण बताओ नोटिस देते हुए सीसीए नियम-16 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. इसी प्रकार डॉ. नेहा सुवालका एवं डॉ. परमजीत सिंह के विरूद्ध कर्तव्य के प्रति लापरवाही पायी जाने पर कारण बताओ नोटिस देते हुए सीसीए नियम -17 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.
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