![राजस्थान के शहीद मेजर विकास भांभू को मिलेगा शौर्य चक्र, लोगों की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी कर दी थी कुर्बान राजस्थान के शहीद मेजर विकास भांभू को मिलेगा शौर्य चक्र, लोगों की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी कर दी थी कुर्बान](https://c.ndtvimg.com/2024-06/4t7pb6ug_martyr-major-vikas-bhambhu_625x300_30_June_24.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Martyr Major Vikas Bhambhu: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रामपुरा गांव निवासी शहीद मेजर विकास भांभू (Vikas Bhambhu) को मरणोपरांत शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया जाएगा. 5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murma) शहीद मेजर विकास भांभू की पत्नी श्रेया चौधरी को मरणोपरांत शौर्य चक्र प्रदान करेंगी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और आर्मी चीफ भी मौजूद रहेंगे. मेजर विकास भांभू 21 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए थे. इससे पूर्व भी मेजर विकास भांभू को सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था और अपनी सेवाओं के दौरान अंतिम क्षणों तक अदम्य साहस का परिचय देने पर शहीद मेजर विकास भांभू को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा.
बॉर्डर क्षेत्र में क्रैश लैंडिंग में हुए थे शहीद
252 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के मेजर विकास भांभू और उनके को-पायलट मेजर मुस्तफा बोहरा 21 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर एरिया में हेलीकॉप्टर पर टोही मिशन पर थे. सुबह लगभग 10:30 बजे ये दोनों मिशन पूरा वापस लौट रहे थे, इसी दौरान बॉर्डर से करीब 20 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर में आग लग गई.
लोगों की जान बचाने में कुर्बान की थी अपनी जिंदगी
हेलीकॉप्टर में आग लगने के बाद भी भारत माता के दोनों सपूतों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आम लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हेलीकॉप्टर को दूर ले गए, जहां हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिग हुई. दुर्घटना में मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा शहीद हो गए. दोनों जांबाजों ने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को निभाते हुए देश के लिए जीवन बलिदान दे दिया था.
शहीद मेजर हर परीक्षा में रहे अव्वल
शहीद मेजर विकास भांभू की प्रारंभिक शिक्षा गांव रामपुरा से ही लेने के बाद अपने पिता के साथ सीकर चले गया जहां उनके पिता सहकारी विभाग में कार्यरत थे. विकास ने 12वीं की परीक्षा के साथ ही एनडीए का एग्जाम दिया था जिसमें चयनित होने पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट चयनित होकर ज्वाइन कर लिया था.
सेना में रहते हर टास्क और मिशन में रहे सफल
भारतीय आर्मी में रहते मेजर विकास को जो भी टास्क और मिशन दिए गए उन्हे मेजर विकास ने सफलता पूर्वक पूरे किए, साथ ही जितने भी आंतरिक कोर्स किए मेजर विकास सबमें टॉपर रहे. जिसके बाद आर्मी में उनकी लगातार बेहतरीन परफॉर्मेंस देखकर उन्हें एविएशन ब्रांच में पायलट बनाने का निर्णय लिया. पायलट की ट्रेनिंग के दौरान चार कंपीटीशन हुए और चारों अवार्ड मेजर विकास ने अपने नाम कर लिए.
शहादत के बाद आए रिजल्ट में विकास भांभू बने थे टॉपर
शहीद होने से चंद दिन पहले ही मेजर विकास ने स्टाफ ऑफ कॉलेज के लिए परीक्षा दी थी. जिसमें सेना के लगभग 2500 अधिकारी शामिल हुए थे, मेजर विकास भांभू के शहीद होने के बाद आए परिणाम में इस परीक्षा को भी शहीद मेजर ने टॉप किया था. रिजल्ट देखकर विकास के परिजनों के साथ-साथ उनके साथियों की आंखें झलक उठी थी.
यह भी पढ़ें - राष्ट्रपति ने चार कीर्ति चक्र और 11 शौर्य चक्र समेत 76 वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी