Ajmer News: राजस्थान के प्रतिष्ठित स्कूल मेयो कॉलेज ने एक नया इतिहास बनाया है. अजमेर के मेयो कॉलेज की पोलो टीम को अमेरिका की विश्वविख्यात हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में मैच खेलने के लिए निमंत्रित किया गया. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका में साउथ हैमिल्टन के मायोपिया पोलो क्लब में पोलो प्रतियोगिता करवाता है जिसमें विदेश से कुछ बड़े शिक्षण संस्थानों की टीमों को बुलाया जाता है. ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, फ्रांस की साइंसेज़ पो जैसे विख्यात संस्थान हार्वर्ड के साथ खेल चुकी हैं. मगर यह पहला मौका है जब भारत से किसी स्कूल या कॉलेज की टीम को हार्वर्ड से न्यौता मिला है. अजमेर का 149 साल पुराना मेयो कॉलेज लड़कों का स्कूल है. इसकी गिनती भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में होती है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मेयो कॉलेज का मैच रविवार (23 सितंबर) को गिब्नी (Gibney)फील्ड में खेला गया, जो अमेरिका का सबसे पुराना पोलो ग्राउंड है. मेयो कॉलेज की टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए हार्वर्ड को छात्रों को 4-2 से हरा दिया. मेयो कॉलेज की तरफ से दिव्यराज सिंह राठौर, जयवीर नागरा और अयान अली गए थे. प्रवण कपूर ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मेयो कॉलेज के लिए 4 गोल किए.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मेयो ट्रॉफी की भेंट
मेयो कॉलेज की तरफ से कर्नल भवानी ने हार्वर्ड को एक ट्रॉफी भी भेंट की. मेयो कॉलेज कमिटी के अध्यक्ष कर्नल भवानी ने बताया कि मेयो कॉलेज ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को एक सिल्वर पोलो ट्रॉफी भेंट की है. यह ट्रॉफी अब हर साल हर साल हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय पोलो टूर्नामेंट में जीतने वाली टीम को दी जाएगी. इसका नाम मेयो ट्रॉफी होगा.
मेयो पोलो टीम के साथ अमेरिका गए स्कूल के प्रिंसिपल सौरव सिन्हा ने कहा, "मेयो के छात्रों ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की टीम को हराया. यह शानदार मैच था, दोनों टीमों ने अच्छा प्रदर्शन किया. मेयो से पढ़ने वाले अमेरिका में रह रहे पूर्व छात्र बड़ी तादाद में मैच देखने मायोपिया क्लब पहुंचे थे. "
नए घोड़ों पर खेला मैच
टीम के खिलाड़ी दिव्यराज सिंह राठौड़ ने कहा, "थोड़ी सी प्रैक्टिस के बाद ही हमने सीधा मैच खेला, घोड़े भी हमें हार्वर्ड की तरफ से दिए गए थे. हमें उन घोड़ों पर खेलने का ज़्यादा अनुभव नहीं था, लेकिन फिर भी हमने हार्वर्ड के छात्रों को हराया और हमारे स्कूल का नाम रोशन किया."
मेयो कॉलेज की टीम के लिए मैच के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक विशेष भोज का भी आयोजन किया गया.
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