Rajasthan News: सीकर के नीमकाथाना के पाटन के शिमली बिहार गांव में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां शनिवार को मनरेगा के तहत खुदाई के काम लगे मजदूर के आंखों के सामने अचानक मिट्टी धंसने लगी. मिट्टी के दबने की घटना को देखने के बाद मनरेगा में काम कर रही महिला मजदूर जोर-जोर से चिल्लाने लगें. महिलाओं की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. मिट्टी में दबे लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया.
इस दौरान एक मजदूर की मिट्टी में दबने हो मौत हो गई. वहीं हादसे में एक अन्य मजदूर घायल हो गया. हादसे में मिट्टी के नीचे दबने से शिमली बिहार निवासी मनरेगा मजदूर मृतक बुद्धराम (70) की मौत हो गई. मनरेगा मजदूर बुद्धराम हादसे के बाद नजदीक के जिलों गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जबकि दूसरे घायल को पाटन के राजकीय रेफरल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है.
मौके पर पहुंची पुलिस की टीम
घटना की जानकारी मिलते ही डाबला पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. साथ ही जानकारी मिलते ही बिहार सरपंच प्रतिनिधि सतबीर यादव, डाबला सरपंच सागरमल यादव, स्यालोदड़ा सरपंच अनिल शर्मा सहित आसपास के सैकड़ों लोग भी मौके पर पहुंच गए. घायल को पुलिस ने लोगों की सहायता से पाटन व जिलों के अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मनरेगा में 62 मजदूर कर रहे थे काम
जानकारी के अनुसार घटना के वक्त मनरेगा में कुल 62 मजदूर काम कर रहे थे. जिसमें एक दर्जन महिलाओं और पुरुषों का ग्रुप एक तरफ काम कर रहा था. तभी अचानक मिट्टी गिरने से मनरेगा में काम कर रहे मजदूर मिट्टी में दब गए. मिट्टी में दबने से दो-तीन महिलाओं को मामूली सी चोट आई है. जबकि एक मजदूर की पसली में चोट लगी है. घायल को पाटन के राजकीय रेफरल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर अमित यादव ने जानकारी दी की मजदूर की जीलो गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौत हो गई. जबकि दसरे मजदूर की हालत सामान्य है.
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