
Rajasthan News: राजस्थान के फलोदी जिले के बारु गांव में उस समय गम का माहौल छा गया जब भारतीय सेना के 10 पैरा कमांडो के बहादुर हवलदार गिरधारी सिंह भाटी का निधन हो गया. उनके निधन की खबर ने न केवल उनके गांव बारु बल्कि पूरे फलोदी जिले को शोक में डुबो दिया. स्व. भाटी को उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए.
देश के लिए समर्पित रहा जीवन
गिरधारी सिंह भाटी एक सच्चे देशभक्त और जांबाज सैनिक थे. उन्होंने भारतीय सेना में 20 साल तक अपनी सेवाएं दीं और देश की सुरक्षा के लिए कई बड़े मिशन में हिस्सा लिया. खास बात यह है कि भाटी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के बॉडीगार्ड भी रहे. वर्ष 1987 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने अपने गांव और समाज के लिए प्रेरणा का काम किया. उनकी बहादुरी और समर्पण ने बारु गांव का नाम पूरे देश में रोशन किया.

सैन्य सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई.
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
स्व. भाटी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बारु में किया गया. इस दौरान 24 गार्ड के सैन्य अधिकारियों ने पहुंचकर अपने इस वीर जवान को श्रद्धांजलि दी. सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें स्थानीय लोग, राजनीतिक हस्तियां और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. हर आंख नम थी और हर दिल में भाटी के लिए सम्मान था. उनकी शहादत और सेवा को याद करते हुए लोग भावुक हो गए.
समाज में छाई शोक की लहर
गिरधारी सिंह भाटी के निधन से फलोदी जिले में शोक की लहर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि भाटी न केवल एक सैनिक थे बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे. उनके निधन से गांव ने एक सच्चा सपूत खो दिया. उनकी यादें और देश के प्रति उनका समर्पण हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा.
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