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जयपुर निवासी सहित 3 भारतीयों का माली में अपहरण, परिजनों की भारत सरकार से मदद की गुहार

माली के एक फैक्ट्री से 1 जुलाई को तीन भारतीयों का सशस्त्र हमलावरों द्वारा अपहरण कर लिया गया, जिसमें जयपुर के प्रकाश चंद्र जोशी शामिल हैं. 13 दिन बाद भी कोई जानकारी नहीं मिलने से परिजन परेशान हैं और भारत सरकार से मदद मांग रहे हैं.

जयपुर निवासी सहित 3 भारतीयों का माली में अपहरण, परिजनों की भारत सरकार से मदद की गुहार
जयपुर निवासी प्रकाश चंद्र जोशी

Rajasthan News: माली के कायेस प्रांत की डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से 3 भारतीयों के अपहरण के 13 दिन बाद भी उनके परिवारों को उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है और वे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. जयपुर की सुमन जोशी पत्नी प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि 1 जुलाई 2025 को "सशस्त्र हमलावरों" के एक समूह ने उन्हें "बलपूर्वक अगवा" कर लिया. जिसमें एक राजस्थान जयपुर के निवासी प्रकाश चंद जोशी भी है.

माली सरकार ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन जिस दिन अपहरण हुआ, उसी दिन अल-कायदा से जुड़े एक समूह - जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) ने माली में कई हमले करने का दावा किया था.

माली में रहते हैं करीब 400 भारतीय नागरिक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार माली में लगभग 400 भारतीय नागरिक रहते हैं. भारत का माली के साथ 1990 के दशक से व्यापारिक संबंध रहा है. इस घटना से पहले अप्रैल में नाइजर में भी पांच भारतीय नागरिकों का अपहरण हुआ था. उस समय सशस्त्र हमलावरों ने हमला कर एक दर्जन से अधिक सैनिकों की हत्या कर दी थी.

माली अफ्रीका महाद्वीप का 8वां सबसे बड़ा देश

रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार उन भारतीयों की स्थिति के बारे में भी अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है. नाइजर, माली और बुर्किना फासो अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े विद्रोहियों से लड़ रहे हैं. यह संघर्ष 2012 में उत्तरी माली से शुरू हुआ था और अब आसपास के देशों में फैल गया है. माली अफ्रीका महाद्वीप का आठवां सबसे बड़ा देश है और यह साहेल क्षेत्र में आता है. ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) ने इस साल की शुरुआत में साहेल क्षेत्र को "वैश्विक आतंकवाद का केंद्र" बताया था.

विदेश मंत्रालय की अपील

GTI के अनुसार, इस क्षेत्र में "आतंकवाद से संबंधित मौतों का आधे से अधिक हिस्सा" होता है. अपहरण की घटना के एक दिन बाद, भारत के विदेश मंत्रालय ने माली में रह रहे भारतीय नागरिकों से "अत्यधिक सतर्कता बरतने, सतर्क रहने और माली की राजधानी बामाको में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने" की अपील की थी. जिन व्यक्तियों का अपहरण हुआ, उन्हें डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से ले जाया गया, जो कि भारतीय व्यवसाय समूह प्रसादित्य ग्रुप द्वारा संचालित है और माली के कायेस शहर में स्थित है.

कंपनी और फैक्ट्री की ओर से नहीं आया कोई बयान 

अभी तक न तो कंपनी और न ही फैक्ट्री की ओर से कोई बयान जारी किया गया है. जिहादी लड़ाकों ने माली के कई कस्बों में सेना की चौकियों पर एक साथ हमले किए. भारतीय सरकार ने कहा है कि वह माली के अधिकारियों, फैक्ट्री और अपहृत व्यक्तियों के परिवारों के संपर्क में है, लेकिन अपहृतों के परिजनों ने कहा कि उन्हें अभी भी अपने रिश्तेदारों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है.

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