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This Article is From May 15, 2024

Private School Guideline: 3 साल तक नहीं बढ़ेगी फीस, बाहर से खरीद सकेंगे यूनिफॉर्म-किताबें, प्राइवेट स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी

Private School Guideline: प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और पेरेंट्स की समस्याओं को दूर करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने 10 सूत्री गाइडलाइन तैयार की है. इसकी पालन नहीं करने पर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Private School Guideline: 3 साल तक नहीं बढ़ेगी फीस, बाहर से खरीद सकेंगे यूनिफॉर्म-किताबें, प्राइवेट स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी
प्राइवेट स्कूलों के लिए सरकार ने जारी की 10 सूत्री गाइडलाइन.

Private School Guideline: प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी की खबरें अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है. इस मनमानी से लोग परेशान रहते हैं. लेकिन अब इस मनमानी पर रोक लगने जा रही है. क्योंकि सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार तीन साल तक फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी. साथ ही पेरेट्स स्कूली यूनिफॉर्म और किताबें बाहर से खरीद सकेंगे. प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए जारी गाइडलाइन में सरकार की ओर से और भी कई निर्देश तय किए गए हैं. जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी.  

दरअसल राजस्थान में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले ही शिक्षा विभाग एक्टिव हो गया है. प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और पेरेंट्स की समस्याओं को दूर करने के लिए अब शिक्षा विभाग ने 10 सूत्री गाइडलाइन तैयार की है. इसकी पालन नहीं करने पर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इस गाइडलाइन की शत प्रतिशत पालन करवाना शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी है. अगर इसके बावजूद किसी स्कूल में इन नियमों की पालना नहीं होती है तो वहां का शिक्षा विभाग का संबंधित अधिकारी और स्कूल इसके लिए जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

प्राइवेट स्कूल संचालकों के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइन

  1. प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन हो कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और उनके मोबाइल नंबर पीएसपी पोर्टल पर अपडेट हो.
  2. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस को पीएसपी पोर्टल पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है.
  3. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी तरह का शुल्क वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ है. ऐसे में स्कूल प्रशासन द्वारा फीस के नाम पर की गई वसूली को फिर से स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को लौटाना होगा.
  4. स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी. सिर्फ कुछ वक्त के लिए नहीं. यानि की कोई भी प्राइवेट स्कूल संचालक 3 साल के बीच फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. 
  5. प्राइवेट स्कूल जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई जैसे से मान्यता प्राप्त है. उनके नियमों और उप नियमों की पालना करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा. जिसकी जानकारी लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है, ताकि पेरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सके.
  6. प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की शत प्रतिशत पालना होनी चाहिए.
  7. प्राइवेट स्कूलों में विशेष योग्यजन (दिव्यांग) स्टूडेंट और फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों की शत प्रतिशत पालन होनी चाहिए.
  8. स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों की त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए.
  9. प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग का आयोजन किया जाए. जिसमें स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा हो इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करना अनिवार्य होगा.
  10. शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन और समस्त सूचनाओं स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा.

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