
Rajasthan News: राजस्थान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक वकील को 13 साल बाद ऑल इंडिया बार एग्जाम (AIBE) में फेल बता दिया गया. इस गंभीर मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान (BCR) के सचिव को 9 सितंबर को रिकॉर्ड के साथ पेश होने का आदेश दिया है. यह निर्देश जस्टिस समीर जैन ने वकील भागीरथ की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.
जानें क्या है पूरा मामला
वकील भागीरथ ने साल 2012 में ऑल इंडिया बार एग्जाम दिया था. उस समय उन्हें बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने पास घोषित किया और स्थायी एडवोकेट प्रमाण पत्र भी जारी किया. वेबसाइट से डाउनलोड किया गया पास सर्टिफिकेट उनके पास मौजूद था. इसके आधार पर उन्होंने वकालत शुरू की. बाद में प्रैक्टिस सर्टिफिकेट के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में आवेदन किया और निर्धारित शुल्क भी जमा किया. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें प्रैक्टिस सर्टिफिकेट नहीं मिला.
अचानक फेल घोषित
हाल ही में जब भागीरथ ने इसकी वजह जानने के लिए बार काउंसिल से संपर्क किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई. उन्हें बताया गया कि उनका नाम फेल उम्मीदवारों की सूची में शामिल है. यानी 13 साल बाद उन्हें फेल घोषित कर दिया गया और प्रैक्टिस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया गया. भागीरथ ने इसकी शिकायत बार काउंसिल ऑफ इंडिया से की, लेकिन वहां भी यही जवाब मिला कि वे फेल हैं.
हाईकोर्ट का सख्त रुख
नाराज भागीरथ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सचिव को 9 सितंबर को रिकॉर्ड के साथ तलब किया है. साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से भी जवाब मांगा है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई.
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