
Rajasthan News: 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के हाल ही में संपन्न बजट सत्र में विधायकों से 9800 प्रश्न प्राप्त हुए, लेकिन अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और सचिन पायलट सहित 10 वरिष्ठ विधायकों ने कोई प्रश्न नहीं पूछा. गहलोत और राजे कथित तौर पर सत्र के दौरान आयोजित अपनी-अपनी पार्टियों की 20 बैठकों में से किसी में भी शामिल नहीं हुए.
14 विधेयक पेश हुए, 10 पारित
31 जनवरी से शुरू हुआ राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 24 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र के दौरान राज्य सरकार ने 14 विधेयक पेश किए, लेकिन केवल 10 ही पारित हो पाए. भाग लेने वाले विधायकों में से 36 (21.55 प्रतिशत) 100 प्रश्नों की निर्धारित सीमा तक पहुंच पाए, जबकि 131 विधायक (78.45 प्रतिशत) इस सीमा तक नहीं पहुंच पाए. 14 विधायक 10 प्रश्न भी नहीं पूछ पाए.
टीकाराम जूली ने बताया कारण
विपक्ष के नेता टीका राम जूली से जब विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट की चुप्पी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'वे वरिष्ठ नेता हैं और युवा सदस्यों को मौका देने के लिए शायद उन्होंने सवाल पूछने से परहेज किया होगा.' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने भी कोई सवाल नहीं उठाया.
'सरकार के काम से खुश हैं राजे'
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने राजे की चुप्पी का बचाव करते हुए कहा, 'वह भाजपा की वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. चूंकि यह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है, इसलिए वह इसके प्रदर्शन से संतुष्ट हो सकती हैं, यही कारण है कि उन्होंने कोई सवाल नहीं उठाया.'
सदन को युद्ध के मैदान में बदला
भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता पंकज मीना ने कांग्रेस नेताओं की आलोचना करते हुए कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सदस्य सदन को युद्ध के मैदान में बदल रहे हैं, जबकि उनके वरिष्ठ नेता विधानसभा के बजाय सोशल मीडिया पर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का विकल्प चुन रहे हैं.'
सीएम ने साधा गहलोत पर निशाना
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी हाल ही में गहलोत पर निशाना साधते हुए उन पर विधानसभा चर्चाओं की अपेक्षा सोशल मीडिया को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया था. बीकानेर में किसानों के एक सम्मेलन में बोलते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, 'पूर्व मुख्यमंत्री एक दिन भी विधानसभा में उपस्थित नहीं हुए, फिर भी वे ट्विटर पर अत्यधिक सक्रिय रहते हैं.'
पेपरलेस चली सदन की कार्यवाही
24 मार्च को रात 8.26 बजे राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 16वीं विधानसभा के तीसरे सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. देवनानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस सत्र में कागज रहित प्रणाली की शुरुआत हुई, जिसमें विधायी कार्यों के लिए आईपैड की शुरुआत की गई. विधानसभा कक्ष को भी गुलाबी रंग में फिर से डिजाइन किया गया, जो जयपुर के प्रतिष्ठित गुलाबी शहर की खूबसूरती को दर्शाता है.
सामान्य बहस के लिए एक दिन ज्यादा
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान 19 फरवरी 2025 को प्रस्तुत किए गए. पिछले सत्रों के विपरीत, इस बार सामान्य बहस के लिए एक अतिरिक्त दिन आवंटित किया गया था, जो कुल पांच दिन था, जिसके दौरान 96 विधायकों ने भाग लिया. 27 फरवरी को उपमुख्यमंत्री ने संशोधित बजट पर बहस का जवाब दिया. विभिन्न विभागों की 64 अनुदान मांगों में से 17 पर आठ दिनों में चर्चा होनी थी. विधानसभा को इन मांगों पर 4319 कटौती प्रस्ताव मिले, जिनमें से 3789 पर चर्चा हुई, जबकि 530 को खारिज कर दिया गया.
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