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This Article is From Nov 08, 2023

वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन से निर्दलीय शैलेंद्र यादव ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, पहली बार हो रहा ऐसा

झालरापाटन सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस के बागी नेता शैलेंद्र यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं.

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वसुंधरा राजे की सीट झालरापाटन से निर्दलीय शैलेंद्र यादव ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलें, पहली बार हो रहा ऐसा
वसुंधरा राजे की सीट पर कांग्रेस के बागी नेता शैलेंद्र यादव.

Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिछात बिछ चुकी है. नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है. अब नाम वापसी की कल अंतिम तारीख है. जिसके बाद स्क्रूटनी होगी और फिर चुनावी मैदान में उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट तैयार हो जाएगी. प्रदेश की सियासी सरगर्मी के बीच राज्य की हाईप्रोफाइल सीटों पर सबकी नजरें है. झालावाड़ जिले की झालरापाटन विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें टिकी है. झालरापाटन विधानसभा सीट से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे चुनावी मैदान में हैं.

झालावाड़ वसुंधरा का गढ़
वसुंधरा यहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं. अब पांचवीं बार मैदान में है. झालावाड़ वसुंधरा का गढ़ माना जाता है. यहां झालरापाटन के साथ-साथ जिले की अन्य सीटों पर भी वसुंधरा का दबदबा है. झालरापाटन सीट से वसुंधरा राजे के खिलाफ काग्रेस ने इस बार रामलाल चौहान को टिकट दिया है. 

कांग्रेस ने रामलाल चौहान को दिया है टिकट
लेकिन कांग्रेस से रामलाल चौहान टिकट दिए जाने के विरोध में पार्टी के पुराने नेता शैलेंद्र यादव ने बागी तेवर अपनाते हुए निर्दलीय पर्चा भर दिया है. शैलेंद्र यादव का निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने से झालरापाटन सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है. वैसे तो कांग्रेस पिछले 20 सालों से यहां मुश्किल हालातों में ही रही है. लेकिन इस बार पहली बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस का कोई बड़ा नेता बागी होकर चुनावी मैदान में उतर गया हो. ऐसे में इस बार वसुंधरा के सामने कांग्रेस को अपनी इज्जत बचाने में ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

कांग्रेस के बागी नेता शैलेंद्र ने लगाए गंभीर आरोप
झालरापाटन सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस के बागी नेता शैलेंद्र यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में होने वाली चुनावी टक्कर को उन्होंने कांग्रेस और बीजेपी का नूरा कुश्ती करार दिया है. 

2018 में भी मेरा टिकट काटा, और अब भी
शैलेंद्र यादव ने कहा कि वर्ष 2018 के चुनाव में भी उनका टिकट तय हो गया था. किंतु अंतिम दो दिनों में उलटफेर हुआ और बाहरी प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतार दिया गया. उसके बाद हाल ही में चल रहे विधानसभा चुनाव में भी उनका नाम झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से पहले नंबर पर था तथा लगभग टिकट पक्का हो गया था, किंतु फिर से अंतिम दिन उनका टिकट काट कर फिर ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया गया जो जो स्थानीय तो है लेकिन मजबूत नहीं.

यादव ने कहा कि उन्होंने जब अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से बातचीत की तो सभी ने एक राय होकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा है जिसका वह पालन कर रहे हैं। यादव के समर्थक चाहते हैं कि यादव चुनाव लड़ें और पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरें, ताकि कांग्रेस प्रत्याशी की हार तो सुनिश्चित हो ही उसके अतिरिक्त भाजपा से भी मुकाबला कांटे का रहे।

कारोबारी शैलेंद्र कई सामाजिक गतिविधियों में रहते हैं लिप्त
बता दें कि मूल रूप से व्यवसायी शैलेंद्र यादव को झालावाड़ में बड़े समाजसेवी के रूप में जाना जाता हैं. यादव पूर्व में अस्पताल में एक बड़ी भोजनशाला का भी संचालन करते थे जो बाद में कानूनी पेचीदगियों के चलते बंद हो गई, इसके अतिरिक्त जिले की सबसे बड़ी श्री कृष्ण गौशाला का संचालन भी यादव द्वारा ही किया जा रहा है, साथ ही विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए शैलेंद्र यादव का कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी अपना वजूद है इसके अतिरिक्त वह है सचिन पायलट के खास लोगों में भी गिने जाते हैं।

यादव द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की जाने के बाद उनके समर्थन में बड़ी तादाद में कांग्रेस के नेताओं और पदाधिकारी ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं, साथ ही उनके दफ्तर पर लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं उनके समर्थकों का तांता लगा हुआ है जहां पर वह सभी के साथ मीटिंग करके चुनाव की रणनीति तय कर रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और निर्दलीय शैलेंद्र यादव के मध्य मुकाबला देखने को मिलेगा.

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