Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव से एक पोस्टर के कारण भाजपा की खूब किरकिरी हुई. गहलोत सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने वाला भाजपा के इस पोस्टर में किसानों की जमीन नीलामी की बात थी. लेकिन इस पोस्टर में जिस किसान की तस्वीर लगी थी, उसपर कोई कर्ज नहीं था. ना ही उनकी कोई जमीन नीलाम हुआ था. भाजपा के पोस्टर पर अपना चेहरा दिखने के बाद किसान ने न केवल आपत्ति दर्ज कराई, बल्कि भाजपा पर केस भी दर्ज कराया. जब से इस मामले का खुलासा हुआ था, तब से भाजपा बैकफुट पर थी. लेकिन मंगलवार को भाजपा ने इस पूरे प्रकरण में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है.
भाजपा की ओर से प्रदेश मंत्री सान्वलाराम देवासी ने मंगलवार को जैसलमेर में कहा कि पोस्टर में किसान का फोटो एक सिम्बॉलिक फोटो है, वेशभूषा और शक्ल सूरत हो सकती है एक जैसी. लेकिन पोस्टर में किसान का नाम नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि इतना दर्द क्यों हो रहा है.
दरअसल भाजपा के प्रदेश मंत्री सान्वलाराम देवासी ने जैसलमेर प्रवास के दौरान मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि यह एक सिम्बॉलिक फोटो है. जिसको प्रदेश आलाकमान मामले को देख रही है. देवासी ने कहा की किसान का फोटो एक सिम्बॉलिक फोटो है. हमने उस किसान का नाम नहीं लिखा है. जिसमे बताया गया है की प्रदेश में 19 हजार किसान की जमीन नीलाम हुई है. इसको इतना दर्द क्यों हो रहा है...19 हजार किसान की जमीन नीलाम हुई है उसकी चिंता कौन करेगा.
भाजपा नेता ने आगे कहा कि लेकिन हमने तो किसानो के हक़ की बात रखी है. हमने इस किसान का कोई परिचय नहीं लिखा.यदि राज्य सरकार को इतनी चिंता तो किसानों की जमीन नीलाम नहीं होती.कांग्रेस अब किसानो को लेकर घटिया राजनीति कर रही है.
दअसल भाजपा के पोस्टर विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. बीजेपी के 'पोस्टर फेस किसान' माधुराम ने भाजपा पर मानहानि का केस दर्ज करा दिया है. बुजुर्ग का कहना है कि, 'भाजपा ने बिना मेरी इजाजत के मेरी फोटो वाला पोस्टर को उपयोग किया. यह पोस्टर पूरे राजस्थान में लगाया है. भाजपा के इस पोस्टर पर यह लिखा गया है कि 19 हजार किसानों की ज़मीन नीलाम हुई है. भाजपा के इस झूठ के कारण मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.अब भाजपा इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रही है.
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