Rajasthan News: मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक आता जा रहा है. जिसको देश भर में बड़ी धूम-घाम से मनाया जाता है. मकर संक्रांति के त्योहार को पतंगों के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है. लेकिन इन पतंगों को उढ़ाते समय लोग चाइनीज मांझों का उपयोग करते हैं. जो बहुत खतरनाक होते है. इन मांझों के कारण कई सड़क हादसे हो जाते है.
राजस्थान में हर साल कई लोग इन चाइनीज मांझों से घायल हो जाते हैं और कई लोगों की मौत हो जाती है. ये मांझे लोगों की गर्दन में फंस जाते है और उसे काट देते है. वहीं हर साल हजारों पक्षियों के पंख भी इससे कट जाते हैं. इस लेकेर सरकार ने सभी जिलों में एडवायजरी जारी की थी. जिसके बाद से जिलों में टीम कई दुकानों पर छापे मारकर मांझे को जब्त कर रही है.
मकान से निकली 1500 चाइनीज मांझे की चरखियां
झुंझुनूं के नवलगढ में जिला कलेक्टर के निर्देश पर चाइनीज मांझे पर कार्रवाई को लेकर गठित टीम ने वार्ड नंबर 37 के बिसायती मोहल्ला में बाबूलाल मणियार के मकान पर कार्रवाई करते हुए चाइनीज मांझे का बड़ा जखीरा पकड़ा हैं. टीम को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि मकान में चाइनीज मांझे का बड़ा स्टॉक है.
सूचना के बाद नगर पालिका की टीम मकान पर पहुंची. मकान पर ताला लगा हुआ था. जिसके बाद नगर पालिका की टीम ने मकान के ताले को तोड़कर मकान के अंदर प्रवेश किया. इसके बाद मकान के कमरे में कार्टूनों में रखी चाइनीज मांझे की चरखियों को जब्त किया गया. जिसमें 1500 से अधिक चाइनीज मांझे की चरखियां हैं.
दुकानों पर जाकर मांझे को किया जब्त
कोचिंग सिटी कोटा में भी मकर संक्रांति की नजदीकता के साथ ही जिला प्रशासन ने चाइनीस मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए धरपकड़ अभियान को तेज कर दिया है. जिला प्रशासन की टीम में कोटा शहर के विभिन्न इलाकों में पहुंचकर पतंग विक्रेताओं के यहां से चाइनीज मांझे को जब्त कर संबंधित थाने में कानूनी कार्रवाई के लिए कह रही है.
जिला प्रशासन की ओर से आमजन से अपील की जा रही है कि जानलेवा मांझे का इस्तेमाल न करें. वहीं NDTV राजस्थान भी लगातार अपनी मुहिम के जरिए आमजन को जागरुक कर रहा है.
पिछले साल कति थी 2 लोगों की गर्दन
प्रदेश में पिछले साल डूंगरपुर और सागवाड़ा में भी 2 युवक इस मांझे की चपेट में आ गए थे और लंबे इलाज के बाद उनकी जान बचाई जा सकी. अब इसे लेकर एनडीटीवी अपील करता है कि त्यौहार जरूर मनाए. चाइनीज मांझे से दूर रहे जिससे किसी की जान खतरे में पड़े.
एनडीटीवी ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आमजन और पतंग व्यापारियों से बात की तो सभी ने इसके उपयोग को रोकने की हिमायत की. लोगों ने कहा कि देश में चाइनीज मांझा पर रोक है लेकिन, जरूरी जागरूकता के अभाव में बच्चे और युवा आज भी चाइनीज मांझे की ही डिमांड करते हैं.
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