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This Article is From Jan 17, 2025

राजस्थान में साइबर ठगी में पकड़ी गई 11 लड़कियां, गिरोह के साथ मिलकर ठगे करीब 7 करोड़

Jodhpur Cyber ​​Fraud: राजस्थान के जोधपुर में पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर के जरिए वाहन चालकों को ठगने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ. इस दौरान 11 लड़कियों समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

राजस्थान में साइबर ठगी में पकड़ी गई 11 लड़कियां, गिरोह के साथ मिलकर ठगे करीब 7 करोड़
जोधपुर में साइबर फ्राड गिरफ्तार

Rajasthan News: देशभर के वाहन चालकों के साथ सर्विस ब्रेक के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का जोधपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इस दौरान 11 लड़कियों सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अब तक 6.50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है. आरोपियों के कब्जे से 30 से अधिक मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड, फर्जी पहचान पत्र सहित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. इस पूरे मामले का DCP वेस्ट राजर्षि राज ने खुलासा किया है.

वाहनों की फ्री सर्विस के नाम पर बनाते थे शिकार

DCP ने बताया कि साइबर ठगी और साइबर अपराधों के खिलाफ आपरेशन साइबर शील्ड चलाया जा रहा है. इसके तहत जोधपुर के कुड़ी हाउसिंग बोर्ड थाना और भगत की कोठी थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है. इन फर्जी कॉल सेंटर के जरिए देशभर के वाहन चालकों और वाहन मालिकों को उनके वाहन खराब होने पर फ्री सर्विस करने का झांसा देकर शिकार बनाया जाता था. साथ ही उनसे किराए के बैंक खातों में ठगी के पैसे लिए जाते थे. 

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2 लड़के समेत 10 महिला गिरफ्तार

इसको लेकर कुड़ी थाना पुलिस ने सेक्टर 9 में एक जगह पर दबिश दी. यहां पर किराए के मकान में फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था. यहां से दो लड़के और 10 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही मौके से एक कंप्यूटर सेटअप, एक प्रिंटर, 13 मोबाइल फोन 18 सिम कार्ड और 4 डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं. 

फर्जी कॉल सेंटर से महिला गिरफ्तार

जबकि दूसरी कार्रवाई भगत की कोठी थाना पुलिस ने की टीम ने डीपी नगर मधुबन में दबिश देकर एक मकान में संचालित हो रहे फर्जी कॉल सेंटर से एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन और हिसाब-किताब के दो रजिस्टर बरामद किए गए.

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पूछताछ में सामने आया कि इस कॉल सेंटर को दो मास्टरमाइंड सेक्टर 8 कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के रहने वाले गौरव पंजाबी और अमित सिंह उर्फ हनी सिंह संचालित कर रहे थे. 

ऐसे होती थी धोखाधड़ी

डीसीपी वेस्ट ने बताया कि दोनों कॉल सेंटर में लड़कियों को प्रतिदिन प्राइवेट कंपनी से लिए गए वाहन चालकों के मोबाइल नंबर और पेट उपलब्ध करवाए जाते थे जिनमें प्रत्येक लड़की को करीब 10 से 15 कॉल करने के लिए टास्क दिया जाता था. वाहन चालक को शिकार बनाने के लिए कॉल सेंटर पर कॉल करने वाली लड़की उन्हें अलग-अलग कंपनी का नाम बताती और उन्हें यह बताती कि उनकी कंपनी देश भर में कहीं पर भी यदि वाहन में कोई खराबी होती है तो उसकी रिपेयरिंग का काम करती है.

5 साल तक नि:शुल्क रिपेयरिंग के नाम पर वाहन चालकों को मेंबरशिप लेने के लिए झांसे में लिया जाता था, जो भी वाहन चालक इनके झांसे में आता उसे करीब 3500 से ₹4000 लिए जाते थे.

वाहन खराब होने पर...

जब चालक वाहन में खराबी होने पर उन नंबर पर संपर्क करता है तो वह नंबर बंद पाए जाते हैं. ठगी के लिए कॉल सेंटर के आरोपी फर्जी सिम कार्ड और किराए के बैंक खातों का उपयोग करते थे और समय-समय पर कॉल सेंटर की लोकेशन भी बदलते रहते थे.

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इसके साथ ही टेलीग्राम एप में निवेश के जरिए धोखाधड़ी करने वाले आरोपी पुखराज पुत्र रेखाराम जाट को भी पकड़ा गया. इसके अलावा क्लब की मेंबरशिप देने के नाम पर वृद्ध के साथ 40 लाख रुपए से अधिक की ठगी करने वाले आरोपी को भी बासनी थाना पुलिस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है.

आरोपी के कब्जे से 21 अलग-अलग बैंकों के ATM कार्ड 10 मोबाइल फोन और 13 सिम भी बरामद की गई, जिनके जरिए आरोपी ग्रुप बनाकर इस तरह से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था.

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