Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनावों को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज है. राज्य में मतदान 25 नवम्बर को होना है. मतदान के लिए सिर्फ 10 दिन बचे हैं. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता बड़ी-बड़ी जनसभा कर दोनों ही पार्टियों के आदिवासी वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रहे हैं.
कल डूंगरपुर में 16 नवंबर को सबसे पहली सभा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की होगी. इसके अगले दिन 17 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और फिर 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सागवाड़ा में सभा होने वाली है.
भाजपा और कांग्रेस इन सभाओं से वागड़ और मेवाड़ की 19 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे. भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया आसपुर और डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के लिए दोवड़ा में जनसभा को संबोधित करेंगी. उनके दौरे को लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है.
आसपुर विधानसभा सीट पर अभी भाजपा का कब्ज़ा है. जबकि डूंगरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व है. इससे पहले 2013 में इस सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत हासिल की थी. भाजपा एक बार फिर इस सीट को अपने खाते में करने का प्रयास कर रही है. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी सागवाडा में जनसभा करेगी. प्रियंका गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सभा में मौजूद रहेंगे. डूंगरपुर की 4 विधानसभा सीटो में से कांग्रेस के पास अभी सिर्फ डूंगरपुर से विधायक है.
इसके बाद 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सागवाड़ा में सभा प्रस्तावित है. हालांकि अभी उनका प्रोग्राम फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन भाजपा कांग्रेस पार्टी द्वारा होने वाली सभाओं की जगह पर पीएम की सभा को लेकर तैयारी कर रही है. पीएम मोदी डूंगरपुर की 4, बांसवाड़ा की 5, प्रतापगढ़ जिले की 2 और उदयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे.
ये भी बड़ी वजह है कि वसुंधरा राजे, प्रियंका गांधी और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सभाएं वागड़ में हो रहीं है. डूंगरपुर की 4 विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के पास 1-1 सीट ही है. जबकि 2018 के चुनाव में पहली बार मैदान में आई भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था. इस बार बीटीपी के साथ ही उससे टूटकर अलग बनी बीएपी भी मैदान में है. ऐसे भाजपा ओर कांग्रेस को बीटीपी और बीएपी से बड़ी चुनौती मिलती हुई दिखाई दे रही है.