Rajasthan Election Results: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. यहां के वोटरों ने हर पांच साल पर सत्ता बदलने की परंपरा को जारी रखा. सीएम गहलोत ने हार स्वीकार कर ली है. वो कुछ देर में इस्तीफा देने वाले हैं. आइए जानते हैं राजस्थान में कांग्रेस के हार की बड़ी वजहें.
राजस्थान में कांग्रेस ने मौजूदा विधायकों को खूब टिकट दिए. चुनाव से पहले यह चर्चा थी कि कांग्रेस अपने कई विधायकों का टिकट काटेगी. लेकिन टिकट बंटवारे में यह बात नजर नहीं आई. नतीजा यह रहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भी पार्टी के कई विधायक और मंत्रियों को क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा. अब जब नतीजे सामने आए तो यह साफ हो गया कि कांग्रेस को मौजूदा विधायकों को टिकट देने का फैसला गलत साबित हुआ.
राजस्थान में कांग्रेस की हार के पीछे एक बड़ी वजह पार्टी के शीर्ष नेताओं की खेमेबाजी रही. पार्टी नेता भले एकजुट होने का दावा करते रहे लेकिन हकीकत यह है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की रैलियों को छोड़कर पायलट-गहलोत साथ-साथ बहुत कम नजर आए. अशोक गहलोत, सचिन पायलट और केंद्रीय नेतृत्व के बीच तालमेल नहीं दिखा. पार्टी एकजुट होकर नहीं लड़ी.
अशोक गहलोत की सरकार ने किसानों, महिलाओं, मजदूरों आदि के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई. लेकिन इन सभी का लाभ नहीं मिला सकता. क्योंकि कांग्रेस की ये योजनाएं कागजों में तो तैयार हो गई थी, लेकिन जमीन पर इनको ठीक से लागू नहीं किया गया. कांग्रेस की हार का यह भी कारण माना जाता है.
चुनावी साल में कांग्रेस ने राहत महंगाई कैंप लगाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की नाकाम कोशिश की. अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले चिरंजीवी योजना की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख करने का वादा किया. लेकिन पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोप भारी पड़े. युवाओं ने गहलोत की गारंटियों पर भरोसा नहीं करते हुए पीएम मोदी पर भरोसा किया.
पेपर लीक, भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा, लाल डायरी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आई. दूसरी तरफ भाजपा ने इन मुद्दों को पूरे प्रचार अभियान में दर्जनों बार दोहराया. पेपर लीक के मुद्दे पर युवा वर्ग कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग की. जिसका पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ा.
राजस्थान में चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने कई लोककल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की. पार्टी की उम्मीद थी कि इन योजनाओं के दम कारण जनता उन्हें वोट देगी. लेकिन नतीजों ने यह साफ किया कि जनता ने गहलोत की योजनाओं पर भरोसा नहीं किया.
राजस्थान में कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह गुर्जर वोटरों में बिखराव भी रहा. पिछले चुनाव में सचिन पायलट के कारण गुर्जर वोटरों ने कांग्रेस को जमकर वोट दिए थे. लेकिन पायलट के सीएम नहीं बनने के बाद से नाराज गुर्जर वोटरों ने कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग की. जिससे पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी. पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए ERCP बड़ा मुद्दा है. लेकिन चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अपने इस मुद्दें को ठीक से प्रचारित करने में नाकाब रही. ऐसे में पार्टी को अपने गढ़ में हार का सामना करना पड़ा.