
Bhartruhari Nagar: राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदला कर भर्तृहरि नगर कर दिया गया है. इसके लिए लाये गए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री भजनलाल लाल शर्मा ने मंज़ूरी दे दी है. यह जिला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बनाया था. जिन नए 17 जिलों को कांग्रेस ने बनाया था, उसमें इसका नाम भी शामिल था, हालांकि भाजपा सरकार आने के बाद 9 जिलों को खत्म कर दिया गया था.
कौन थे राजा भर्तृहरि जिनके नाम पर रखा गया जिले का नाम ?
भर्तृहरि धाम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भर्तृहरिनगर रख दिया है. यह नामकरण भर्तृहरि की लोकमान्यता और क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
भर्तृहरि मंदिर अलवर जिले में सरिस्का के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यह मंदिर पारंपरिक राजस्थानी शैली में बना हुआ है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण प्रदान करता है. अलवर शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर उज्जैन के राजा भर्तृहरि से जुड़ा हुआ है, जिनके नाम पर यह मंदिर स्थापित है.
हर साल भाद्रपद महीने की अष्टमी को यहां भर्तृहरि मेला लगता है
भर्तृहरि मंदिर और पांडुपोल दोनों ही मंदिर सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में स्थित हैं. हर साल भाद्रपद महीने की अष्टमी को यहां भर्तृहरि मेला आयोजित होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. इस मेले को अलवर जिले के लख्खी मेले के रूप में जाना जाता है और यह धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक समागम का भी बड़ा केंद्र बन चुका है.
इन 9 नए जिले को सरकार ने किया खत्म
दरअसल, पिछली गहलोत सरकार ने जिन 17 नए जिलों को गठन किया था. हालांकि, राज्य में बीजेपी सरकार बनने के एक साल के अंदर 17 में से 9 नए जिलों को भजनलाल सरकार ने खत्म करने का फैसला कर दिया है. शनिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जिले को निरस्त कर दिया था.
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