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राजस्थान हाई कोर्ट ने RPSC के आदेश को पलटा, डिबार अभ्यर्थी को मिली परीक्षा में बैठने की अनुमति

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक अभ्यर्थी को बड़ी राहत दी है, जिसे RPSC ने परीक्षा में हंगामा करने के कारण डिबार कर दिया था. कोर्ट ने RPSC को निर्देश दिया है कि अभ्यर्थी को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने दें.

राजस्थान हाई कोर्ट ने RPSC के आदेश को पलटा, डिबार अभ्यर्थी को मिली परीक्षा में बैठने की अनुमति
परीक्षा हॉल में हंगामा करने पर RPSC ने किया था बैन, फिर भी कोर्ट ने क्यों कहा- 'उसे बैठने दो'?

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने मंगलवार को एक अहम फैसले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के एक आदेश को पलट दिया है. कोर्ट ने एक अभ्यर्थी को आगामी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा (Senior Teacher Recruitment Exam) में शामिल होने की अनुमति दे दी है, जिसे RPSC ने सब-जेलर परीक्षा में हंगामा करने के आरोप में एक साल के लिए सभी परीक्षाओं से डिबार कर दिया था. हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. इस फैसले को अभ्यर्थी के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.

क्या है पूरा मामला?

यह पूरा मामला महेंद्र चौधरी नाम के एक अभ्यर्थी से जुड़ा है. महेंद्र चौधरी ने 2024 की सब-जेलर परीक्षा में हिस्सा लिया था. उनके अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र ठीक से सीलबंद नहीं थे. जब महेंद्र चौधरी ने इस बात पर आपत्ति जताई, तो इसे हंगामा मान लिया गया. इस घटना के बाद, RPSC ने 13 जुलाई 2025 से लेकर 12 जुलाई 2026 तक के लिए महेंद्र चौधरी को अपनी सभी परीक्षाओं में बैठने से डिबार कर दिया था. इस आदेश के कारण, वे आगामी वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे, जिसके लिए उन्होंने पहले ही आवेदन किया हुआ था.

हाई कोर्ट में हुई सुनवाई

महेंद्र चौधरी ने RPSC के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी. उनके वकील रामप्रताप सैनी ने कोर्ट के सामने दलील दी कि अभ्यर्थी का उद्देश्य केवल परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखना था. उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र की सील ठीक न होने पर आपत्ति जताना किसी भी अभ्यर्थी का अधिकार है और इसे अनुशासनहीनता नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह माना कि एक छोटी सी आपत्ति के लिए एक साल तक किसी अभ्यर्थी को सभी परीक्षाओं से रोकना एक कठोर कदम है. जस्टिस आनंद कुमार शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अभ्यर्थी को 9 सितंबर को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने दिया जाए.

RPSC के लिए निर्देश

हाई कोर्ट ने RPSC को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत इस आदेश का पालन करें और महेंद्र चौधरी को परीक्षा में बैठने दें. यह फैसला उन सभी अभ्यर्थियों के लिए एक मिसाल बन सकता है जो परीक्षा हॉल में होने वाली अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं.

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