Borewell Accident: कोटपूतली के किरतपुरा गांव में बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना को निकलने के लिए पिछले 65 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. NDRF और SDRF टीम का प्लान A और प्लान B दोनों में सफलता अभी तक नहीं मिल पाई. प्लान बी पर काम जारी है. पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पास ही होल कर उसमें लोहे के बड़े पाइप डाले गए हैं. आज सुबह तक करीब 140 फिट तक खुदाई पाइलिंग मशीन से हो चुकी है. चट्टान आने के चलते मशीन बदली गई, जिसमें करीब 2 घंटे तक खुदाई कार्य रुक रहा और अब दूरी मशीन लगाई गई है .
कलेक्टर सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
कोटपुतली कलेक्टर कल्पना अग्रवाल बुधवार (25 दिसंबर) देर रात मौके पर पहुंची. रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली, सुबह 5 बजे भी फिर मौके पर पहुंची. पुलिस अधीक्षक भी मौके पर मौजूद हैं. जिला कलेक्टर ने कहा कि वो सभी प्रयास किए जा रहे हैं, जो रेस्क्यू ऑपरेशन में जरूरी है. प्रयास यही है कि बच्ची को जल्द से जल्द बाहर निकाला जा सके. बहरहाल 65 घंटे का लंबा समय बीत जाने के बाद भी सफलता नहीं मिलने से NDRF, SDRF और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं.
खुले बोरवेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के क्या निर्देश है? अब तक कितनी मौतें?#BorewellAccident | #RajasthanNews pic.twitter.com/ATFtawXSZ1
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) December 25, 2024
बच्ची के वियोग में मां की तबीयत बिगड़ी
चार दिन से चेतना के घर में चूल्हा नहीं जला. परिवार को कोई भी सदस्य कुछ नहीं खा पी रहा है. बच्ची की मां की तबीयत बिगड़ गई है. सोमवार से चेतना की मां ने कुछ नहीं खाया-पीया है. रोते-रोते उनकी हालत खराब हो गई है. बुधवार को पहुंचे डॉक्टरों ने चेतना की मां को ओआरएस का घोल पिलाया और जरूरी दवाइयां लिखी.कैमरे में बच्ची हरकतें नहीं दिखाई दे रही है. मौके पर डॉक्टर की टीम मौजूद है. बोरवेल में पाइप से ऑक्सीजन दी जा रही है.
दौसा में बोरवेल में गिरे आर्यन की हो गई थी मौत
दौसा के कालीखाड़ गांव में 9 दिसंबर को आर्यन अपनी मां के सामने बोरवेल में गिर गया था. तीन दिन तक बोरवेल में आर्यन फंसा रहा. आर्यन को करीब 57 घंटे बाद देसी जुगाड़ से बोरवेल से बाहर निकाला गया था् उसे एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेस से हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया.
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