Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं. पिछली बार वैभव गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर से चुनावी मैदान में थे. जहां उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसबार वैभव गहलोत ने सीट बदली लेकिन नतीजा नहीं बदला. 2024 के चुनाव में वैभव गहलोत जालोर-सिरोही सीट से चुनावी मैदान में थे. लेकिन जालोर से भाजपा के जमीनी नेता लुंबाराम चौधरी ने वैभव गहलोत को हरा दिया. लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब वैभव गहलोत के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं. कई जानकारों का कहना है कि राजस्थान की राजनीति के जादूगर और पूर्व सीएम अशोक गहलोत का सियासी करियर अब अवसान की ओर है. ऐसे में 5 साल बाद वैभव गहलोत का क्या ही होगा.
वैभव गहलोत की हार पर सामने आई पायलट की प्रतिक्रिया
लेकिन इन तमाम चर्चाओं के बीच राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. गुरुवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट टोंक पंहुचे. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के 11 प्रत्याशियों की जीत पर भी बात की.
अगली बार किसी और सीट से वैभव गहलोत जीतेंगेः पायलट
इसी दौरान जब मीडिया ने सचिन पायलट से वैभव गहलोत की हार पर सवाल पूछा तब उन्होंने कहा कि हमारे कुछ लोग हारे हैं. वैभव गहलोत पिछली बार भी नहीं जीत पाए थे, इस बार भी नहीं जीत पाए. हम और मेहनत करेंगे और अगली बार किसी और सीट से वैभव गहलोत जीतेंगे. पायलट ने आगे कहा कि जालोर सिरोही में हमने अच्छा चुनाव लड़ा, लेकिन दुर्भाग्यवश हम वहा चुनाव हार गए. मालूम हो कि 2019 में सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष रहते वैभव को जोधपुर का हार का सामना पड़ा था.
जनादेश का यह संदेश भाजपा के खिलाफः पायलट
सचिन पायलट ने आगे कहा कि जो जनादेश जनता ने दिया है वह सरकार की नीतियों के खिलाफ है. इस बार भारतीय जनता पार्टी खुद के लिए 370 पार और NDA के लिए 400 पार की बात करती थी. लेकिन 2019 की खुद की 303 सीट से भी कम 240 सीट पर आ गई है. 63 सीट बीजेपी की कम आई.
पायलट ने कहा कि क्योंकि जिस प्रकार की राजनीति का परिचय भाजपा सरकार ने देश में पिछले 10 सालों में दिया है, जिसमें प्रतिशोध की भावना का, बदले की भावना का, विपक्ष की आवाज को दबाने का, निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने का, कांग्रेस के खाते सीज करवाने का इंडिया गठबंधन ने जो मेनिफेस्टो देश को दिया उसे लोगों ने सराहा है और देश में हमारे प्रदर्शन सुधार हुआ है, हमारा संख्या बल लगभग दोगुना हो गया है. जनादेश का यह संदेश भाजपा के खिलाफ है.
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