
Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है जो अभ्यर्थियों को गुमराह कर गैरजरूरी आवेदन भरवाते हैं. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर कोई संचालक अयोग्य उम्मीदवारों से फॉर्म भरवाता पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द करने के लिए सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग को सूचित किया जाएगा.
गुमराह कर रहे हैं कुछ संचालक
आयोग के सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि कई ई-मित्र संचालक भर्ती विज्ञापनों के तहत उन अभ्यर्थियों से भी आवेदन करवा देते हैं जो पद के लिए जरूरी योग्यता नहीं रखते. कई बार उम्मीदवारों को यह भी नहीं पता कि वे उस पद के लिए पात्र हैं या नहीं. संचालक उन्हें भ्रामक जानकारी देकर फॉर्म भरने के लिए उकसाते हैं. इससे अयोग्य आवेदनों की संख्या बढ़ रही है.
समय और संसाधनों की हो रही बर्बादी
ऐसे आवेदनों के कारण आयोग को परीक्षा की व्यवस्था में अनावश्यक मेहनत करनी पड़ती है. कई अयोग्य उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं होते जिससे समय संसाधन और धन की बर्बादी होती है. साथ ही आयोग पर व्यवस्थात्मक दबाव भी बढ़ता है.
अभ्यर्थियों को सलाह, संचालकों को चेतावनी
RPSC ने ई-मित्र संचालकों को सख्त हिदायत दी है कि वे बिना योग्यता जांचे कोई फॉर्म न भरवाएं. साथ ही अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे केवल वही आवेदन करें जिनके लिए वे पूरी तरह पात्र हों. आयोग का यह कदम भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
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