
Teacher Bharti Scam In Rajasthan: राजस्थान में शिक्षा विभाग में अध्यापक के लिए हुई भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पुलिस और शिक्षा विभाग की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2018 और 2021 में आयोजित लेवल-1 अध्यापक भर्ती परीक्षाओं में दर्जनों अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज और नकल के सहारे परीक्षा पास कर ली थी. इन अभ्यर्थियों ने नियुक्ति के बाद कई साल तक सरकारी स्कूलों में नौकरी भी की. अब, शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में 72 से अधिक नाम चिन्हित हुए हैं, जिनकी नियुक्तियां रद्द करने की तैयारी है और कई के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी तय है.
परीक्षा के दौरान हुई नकल
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब कुछ जिलों से शिकायतें आईं कि नियुक्त अध्यापकों के शैक्षणिक दस्तावेज संदिग्ध हैं. कई मामलों में जन्मतिथि, जाति प्रमाण पत्र और योग्यता प्रमाण पत्र मेल नहीं खा रहे थे. शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक जांच में पाया कि अभ्यर्थियों ने न केवल फर्जी मार्कशीट लगाईं, बल्कि परीक्षा के दौरान भी संगठित तरीके से नकल कराई गई. इसके बाद विभाग ने मामले को पुलिस को सौंपा.
अभ्यर्थियों ने लगाए फर्जी दस्तावेज
SOG और जिला पुलिस ने अलग-अलग जिलों में नियुक्त अध्यापकों के दस्तावेजों की जांच शुरू की. इस दौरान यह सामने आया कि कुछ मामलों में एक ही सीरियल नंबर और रोल नंबर का उपयोग अलग-अलग अभ्यर्थियों ने किया था. जांच में पाया गया कि वर्ष 2018 और 2021 की लेवल-1 भर्ती परीक्षाओं में यह फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर हुआ. 2018 की भर्ती में 46 और 2021 की भर्ती में 26 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए.
72 अभ्यर्थियों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश
इनमें धोखाधड़ी, जालसाजी, सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर और आपराधिक षड्यंत्र की धाराएं शामिल की गई हैं. कई अभ्यर्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है, जबकि कुछ फरार चल रहे हैं. इस पूरे नेटवर्क में दलाल, कोचिंग संचालक और विभाग के अंदरूनी लोग भी शामिल हो सकते हैं. फिलहाल जांच का दायरा बढ़ाकर उन व्यक्तियों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है जिन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और नकल गिरोह से संपर्क साधा.
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन 72 अभ्यर्थियों की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही इनसे अब तक मिली वेतन राशि की रिकवरी का भी आदेश हुआ है. विभाग का कहना है कि रिकवरी की प्रक्रिया तेज की जाएगी ताकि सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई हो सके.
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