
Rajasthan News: हमारी संस्कृति में जन्म से लेकर मृत्यु तक, हर जगह विधि विधान से कार्यक्रमों को पूर्ण करवाने के लिए पंडितों को बुलाया जाता है. इसमें हमने अब तक देखा कि पंडित आते हैं और मंत्रोच्चारण से कार्य संपन्न करवाते हैं. लेकिन कही आपने देखा कि इन कार्यों को महिला पंडित द्वारा पूर्ण करवाया गया हो. जी हां राजस्थान के उदयपुर में एक 64 वर्षीय महिला पंडित है, जो मुंडन, शादी, ग्रह प्रवेश यहां तक कि मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की क्रियाएं भी करवाती है.
जिनका नाम सरला गुप्ता है. महिला पंडित सरला ने शादियों सहित अन्य शुभ कार्य करवाने की शुरुआत वर्ष 2016 से की थी, लेकिन कोरोना काल में लोगों के अंतिम संस्कार की क्रियाएं भी संपन्न करवाई. यहीं नहीं सरला गुप्ता ने कई महिलाओं को वैदिक मंत्रों का प्रशिक्षण दिया है. जिनमें से कुछ महिलाएं ग्रह प्रवेश और शादी कार्य करवाना शुरू कर चुकी है.
पति के रिटायर्ड होने के बाद शुरू किया काम
सरला गुप्ता ने बताया कि पति राजकुमार गुप्ता हिन्दुस्तान जिंक में कार्य करते थे. जहां से वह वर्ष 2016 में रिटायर हुए. परिवार में आर्य समाज मानते हैं. जिससे बचपन से ही वैदिक मंत्रों की तरफ जुड़ाव रहा है. घर में भी हवन होते थे. इसको लेकर वर्ष 2016 में पुरोहिताई बनने का मन में ख्याल आया. पति से इच्छा जाहिर की तो उन्होंने निसंकोच जा कहा और फिर प्रशिक्षण लेना शुरू किया.
अब तक करवा चुकी 50 से अधिक शादियां
वैदिक मंत्रों का पूर्ण प्रशिक्षण लेने के बाद शादियां करवाना शुरू की. तब से अब तक 50 से ज्यादा शादियां करवा चुकी है और उदयपुर के अलावा अन्य शहरों से भी शादी के लिए बुलाया जाता है. अंतिम संस्कार की क्रियाओं को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रिश्तेदार की मौत हो गई थी. उनके परिवारजन भी मृत शरीर को हाथ नहीं लगा रहे थे. फिर पति की सहायता से श्मशान घाट में अंतिम क्रिया पूर्ण की गई.
अंतिम संस्कार की दक्षिणा का पक्षियों को डालते हैं दाना
सरला गुप्ता के पति राजकुमार गुप्ता बताते हैं कि अंतिम संस्कार के समय पत्नी विधि विधान से क्रिया करवाती है और मैं उनका सपोर्ट करने के लिए सामान जमाता हूं. अंतिम संस्कार के समय एक दान पात्र रखते हैं. जिसमें जो भी दक्षिणा आती है उसका पक्षियों के लिया दाना लाते हैं और डालते है. इसके अलावा कोई दक्षिणा नहीं लेते हैं.
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