Pachpadra Refinery: राजस्थान की पचपदरा रिफाइनरी को लेकर प्रदेश में पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने दिख रहे हैं. पचपदरा रिफाइनरी के देरी से शुरू होने को लेकर जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किये. जिस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने पुरानी सरकार की काम को गिनाते हुए जवाब दिया है. दोनों ही नेताओं ने एक दूसरे पर x पोस्ट के जरिए आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं.
पहले अशोक गहलोत ने पूछे सवाल
अशोक गहलोत ने पोस्ट करते हुए लिखा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पचपदरा रिफाइनरी के शुरू होने में देरी को लेकर शुक्रवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि रिफाइनरी आखिर कब शुरू होगी. ‘पचपदरा रिफाइनरी के साथ पेट्रो जोन में निवेशकों को भूखंड आवंटित करने की शुरुआत स्वागतयोग्य है, लेकिन रिफाइनरी में उत्पादन कब शुरू होगा, यह अब भी एक सवाल बना हुआ है.''
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय 2023 में जब उन्होंने रिफाइनरी का दौरा किया था, तब रिफाइनरी प्रशासन ने 31 दिसंबर 2024 तक उत्पादन शुरू करने की समयसीमा दी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने अपने बजट में अगस्त 2025 तक उत्पादन शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन इस समयसीमा के बाद इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘रिफाइनरी की शुरुआती अनुमानित लागत 38,000 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब यह कितनी बढ़ गई है, यह स्पष्ट नहीं है. मीडिया की खबरों में इसके एक लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंचने के अनुमान बताए जा रहे हैं.''
गहलोत ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि रिफाइनरी कब शुरू होगी और इसकी कुल लागत अब कितनी हो गई है.''
राजेंद्र राठोड़ ने दिया जवाब
राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर कहा कि अशोक गहलोत जी, आप हर बार की तरह पचपदरा रिफाइनरी पर राजनीति तो खूब कर रहे हैं लेकिन सच यह है कि देरी और अव्यवस्था की असली नींव आपकी ही सरकार ने रखी थी. राठौड़ ने कहा कि आप यह कैसे भूल गए कि वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के कुछ दिन पूर्व ही बिना किसी बजटीय प्रावधान और बिना किसी पर्यावरणीय स्वीकृति के केवल चुनावी लाभ उठाने के उद्देश्य से आपने सोनिया गांधी जी से रिफाइनरी का शिलान्यास करवाने का ढोंग रचा था. यह शिलान्यास सिर्फ राजनीतिक दिखावा था जिसका धरातल पर कोई ठोस आधार ही मौजूद नहीं था.
राठौड़ ने कहा कि आपकी सरकार के समय रिटेण्डरिंग, बार-बार निर्णय बदलना और बाहर से आने वाले उपकरणों की समय पर व्यवस्था न कर पाने के कारणों से परियोजना वर्षों पीछे चली गई. अब जब भाजपा सरकार ने प्रोजेक्ट को फिर से गति दी, समयबद्ध ट्रैक पर खड़ा किया और रिकॉर्ड स्पीड में प्रगति दिखाई तब आपको यह विकास दिखाई नहीं दे रहा. राठौड़ ने कहा कि तथ्य यह है कि रिफाइनरी परियोजना की 13 रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल यूनिट्स में से 9 यूनिट्स का 96% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और शेष 4 यूनिट्स में भी काम तेज़ी से चल रहा है. कुल मिलाकर 90.1% से अधिक निर्माण कार्य पूरा होकर अंतिम चरण में है.
राठौड़ ने कहा कि आपकी सरकार केवल घोषणाओं में व्यस्त थी जबकि आज डबल इंजन की सरकार में दिसंबर 2025 में मुंदड़ा पोर्ट पर क्रूड ऑयल लिया जा रहा है जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा सरकार काम दिखाकर बोलती है सिर्फ ट्वीट करके नहीं. रिफाइनरी सेक्शन का मैकेनिकल कम्पलीशन 31 दिसंबर 2025 तक और कमीशनिंग कार्य जनवरी 2026 से शुरू होने की संभावना है. नवंबर 2025 तक 76,074 करोड़ के क्रयादेश जारी और 62,888 करोड़ व्यय हो चुके हैं. नवीनतम आकलन के अनुसार परियोजना की लागत 79,459 करोड़ रहेगी जबकि आप बिना आधार के मनमाने आंकड़े उछालकर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं.
राठौड़ ने कहा कि गहलोत जी, आपकी सरकार की सुस्ती, अव्यवस्था और निर्णयहीनता ने इस परियोजना को पीछे धकेला था और भाजपा सरकार ने उसी रिफाइनरी को अपने प्रयासों से फिर से गति दी है. अब जब राजस्थान औद्योगिक विकास के नए युग में प्रवेश करने जा रहा है तब कम से कम आप तो इसकी प्रगति में बाधक बनने की कोशिश न करें.
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