Rajasthan: सरहदी जिले श्रीगंगानगर में अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर प्रशासन ने छापेमारी की. साथ ही इन्हें बंद करने के निर्देश दिए. इन नशा मुक्ति केन्द्रों पर ना तो लाइसेंस था और ना ही डॉक्टर और मरीजों का कोई रिकार्ड था. अब प्रशासन ने चौबीस घंटे में भर्ती किये मरीजों को उनके घर भेजने के निर्देश दिए हैं.
सादुलशहर में चल रहे थे अवैध नशा मुक्ति केंद्र
सादुलशहर एसडीएम शिवा चौधरी ने बताया कि जिला कलक्टर लोकबंधु के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है, जिसमें सरबत दा भला, आजाद युवा फॉउंडेशन, जागृति नशा मुक्ति केंद्र और जीवन ज्योति नशा मुक्ति केंद्र पर एक टीम बनाकर छापेमारी की गयी. इस टीम में एसडीएम शिवा चौधरी, सीआई सुमेर सिंह, समाज कल्याण अधिकारी और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.
जांच में गायब मिले दस्तावेज
इन सभी नशा मुक्ति केन्द्रों पर टीम के जरिए लाइसेंस मांगने पर नहीं मिला. साथ ही वहां काम करने वाले डाक्टर और मरीजों का भी कोई रिकार्ड नहीं मिला. टीम की जांच में सामने आया की मरीजों के नाम की फाइल जरूर बनी है, लेकिन उसमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी. कार्रवाई को लेकर एसडीएम शिवा चौधरी ने बताया कि चारों नशा मुक्ति केन्द्रों में भर्ती हुए सभी मरीजों को चौबीस घंटे में उनके घर भेजने के लिए के निर्देश दिए गए अन्यथा प्रशासन इन्हें सीज करने की कार्रवाई करेगा.
डेढ़ साल पहले एसपी और कलक्टर ने करवाए थे बंद
दिसंबर 2022 में तत्कालीन कलक्टर सौरभ स्वामी और एसपी पारिस देशमुख ने पूरे जिले भर में अवैध नशा मुक्ति केन्द्रों के खिलाफ अभियान चलाया था. इसमें अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केन्द्रों को बंद करवाया था, लेकिन धीरे- धीरे फिर से ये अवैध नशा मुक्ति केंद्र शुरू हो गए.
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