
ED Action on Sahara Group Land: प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की लगभग 1023 एकड़ ज़मीन को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. इन ज़मीनों की कीमत साल 2016 के सर्किल रेट के अनुसार करीब 1538 करोड़ रुपये आंकी गई है. ईडी की जांच में सामने आया है कि यह ज़मीनें सहारा समूह की कई कंपनियों से फंड डायवर्ट कर बेनामी नामों पर खरीदी गई थीं. यह ज़मीनें देशभर के 16 शहरों में फैली हुई हैं, जिनमें आनंद, भुवनेश्वर, सिंधुदुर्ग, जयपुर, जम्मू, मैसूर, लखनऊ, बेंगलुरु, बीकानेर और सोलापुर जैसे शहर शामिल हैं.
यह कार्रवाई तीन राज्यों ओडिशा, बिहार और राजस्थान में हुई. ये करवाई IPC की धारा 420 और 120बी के तहत FIR के आधार पर की गई है. इसके अलावा सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ कुल 500 से ज़्यादा FIR दर्ज हैं, जिनमें से 300 से ज़्यादा PMLA यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज की गई हैं.
'हाई रिटर्न का लालच देकर करवाया गया निवेश'
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि सहारा समूह की कई कंपनियों जैसे 'हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड', 'सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी', 'सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज़ को-ऑपरेटिव सोसाइटी', 'सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड' और अन्य के जरिए एक पोंज़ी स्कीम चलाई जा रही थी.
इन स्कीमों में निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर निवेश करवाया गया, एजेंट्स को मोटा कमीशन दिया गया और फिर निवेशकों को उनके मेच्योरिटी अमाउंट वापस नहीं दिए गए. ज़बरदस्ती उन्हें दोबारा निवेश करने के लिए मजबूर किया गया और खातों की किताबों में हेरफेर कर नए निवेश के रूप में दिखाया गया.
ईडी की छापेमारी में 2.98 करोड़ रुपये की नकदी भी जब्त की गई है. इससे पहले भी इस मामले में अम्बी वैली की 707 एकड़ ज़मीन को, जिसकी बाज़ार कीमत लगभग 1460 करोड़ रुपये है, अटैच किया जा चुका है.
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