Rajasthan News: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में खंडार उपखंड के बहरावड़ा खुर्द गांव में बुधवार को दुखद घटना ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया. यहां के बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) हरिओम बैरवा की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. इस घटना के बाद गांव और आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग जमा हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया. हरिओम के परिवार वाले सदमे में हैं और उन्होंने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
परिवार ने लगाये आरोप
हरिओम के पिता बृजमोहन बैरवा और उनके भाइयों ने बताया कि मौत की वजह अधिकारियों का मानसिक दबाव है. उनका कहना है कि एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के काम को लेकर एसडीएम और तहसीलदार ने हरिओम पर इतना प्रेशर डाला कि वह पिछले छह दिनों से तनाव में था. घर पर वह किसी से ठीक से बात तक नहीं कर रहा था.
परिवार वालों ने कहा कि आज सुबह तहसीलदार का फोन आया. फोन पर क्या बात हुई यह तो पता नहीं लेकिन उसके पांच मिनट बाद ही हरिओम को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि यह दबाव जानबूझकर बनाया गया था ताकि काम जल्दी पूरा हो. गुस्से में परिवार ने बहरावड़ा खुर्द पुलिस चौकी में एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. वे न्याय की मांग कर रहे हैं और कहते हैं कि अगर दबाव न होता तो हरिओम आज जिंदा होता.
अधिकारियों का पक्ष और विवाद
दूसरी तरफ तहसीलदार जयप्रकाश रोलन ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि हरिओम एक मेहनती और अच्छा कार्यकर्ता था. वह एसआईआर का काम पूरी लगन से कर रहा था. आज सुबह उच्च अधिकारियों से मिले निर्देशों को ही उन्होंने हरिओम को बताया था.
तहसीलदार ने हैरानी जताई कि हार्ट अटैक कैसे आ गया यह उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा. उनका कहना है कि कोई मानसिक दबाव नहीं बनाया गया और सब कुछ सामान्य था. लेकिन इस मामले पर अन्य अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. वे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं जिससे सवाल और बढ़ गए हैं.
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