
SI Paper Leak Case: एसआई पेपर लीक के आरोपियों को जमानत मिलने के मामले में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है. गोविंद सिंह डोटासरा ने एसआई पेपर लीक के 16 आरोपियों को जमानत मिलने के मामले में सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि सरकार की कमजोर पैरवी के कारण आरोपी छूट रहे हैं. मालूम हो कि SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में गुरुवार को 16 आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. इससे पहले भी कोर्ट ने 10 आरोपियों को जमानत दी थी. कोर्ट ने माना है कि SOG ने जो सबूत पेश किए, वे संदेहास्पद हैं.
साजिशन राजनीतिक विरोधियों की छवि की धूमिलः डोटासरा
इस मामले में गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा, "भाजपा ने सत्ता में आने से पहले RPSC को भंग करने एवं पेपर लीक के आरोपियों और माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई का दंभ भरा था. BJP नेताओं ने सत्ता हासिल करने के लिए षड्यंत्रपूर्वक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने का भी कुप्रयास किया.
कमजोर पैरवी से छूट रहे आरोपी, मगरमच्छ अभी भी बाहरः डोटासरा
डोटासरा ने आगे लिखा- लेकिन सरकार में आने के बाद थोथी वाहवाही लूटने एवं जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए केवल खानापूर्ति जैसी कार्रवाई हुई. सच ये है कि भाजपा सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आरोपी छूट रहे हैं एवं 'मगरमच्छ' (माफिया) अभी भी सरकार की पहुंच से बाहर हैं. सरकार ने 100 आरोपी भी नहीं पकड़े और हालात ये हैं कि पकड़े गए ज्यादातर आरोपी भी जमानत पर रिहा हो रहे हैं. सिर्फ झूठा माहौल बनाने से हालात नहीं बदलते.
भाजपा ने सत्ता में आने से पहले RPSC को भंग करने एवं पेपर लीक के आरोपियों और माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई का दंभ भरा था। BJP नेताओं ने सत्ता हासिल करने के लिए षड्यंत्रपूर्वक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने का भी कुप्रयास किया।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) December 13, 2024
लेकिन सरकार में आने के बाद थोथी वाहवाही… pic.twitter.com/djp8zo3nbg
कांग्रेस में इससे अधिक कड़ी हुई थी कार्रवाईः डोटासरा
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए डोटासरा ने लिखा कि इससे कहीं ज्यादा कठोर कार्रवाई पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुई. करीब 260 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को जेल भेजा एवं संलिप्त पाए गए कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त किया. इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का सख्त कानून बनाया. भाजपा की भांति सिर्फ प्रोपेगेंडा नहीं चलाया.
डोटासरा ने अंत में लिखा कि सरकार का 1 साल पूर्ण होने के बाद भी नकल माफियाओं का गिरफ्त से बाहर होना, SI भर्ती के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं कर पाना एवं गत सरकार के निर्णयों पर समीक्षा नहीं होना मुखिया के कमजोर नेतृत्व और अक्षमता को दर्शाते हैं.
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