World Best Hotel in India: राजस्थान के सुजान जवाई होटल (Sujan Jawai Hotel) को दुनिया के 50 सर्वश्रेष्ठ होटलों में शुमार किया गया है. पाली जिले के सुमेरपुर में स्थित इस होटल को लंदन के गिल्डहॉल (Guildhall London) में "वर्ल्ड्स 50 बेस्ट होटल्स" का पुरस्कार मिला है. तेंदुओं को देखने के लिए पर्यटकों में लोकप्रिय सुजान जवाई को पहली बार यह पुरस्कार मिला है. इस लिस्ट में शामिल होने वाला यह भारत का एकमात्र होटल है. लिस्ट में यह होटल 43वें नंबर पर है.
2013 में जवाई नदी के किनारे बना था होटल
सुजान जवाई होटल को दिसंबर 2013 में जैसल सिंह और अंजलि सिंह ने शुरू किया था. इस होटल का नाम जवाई नदी के नाम पर रखा गया है जो इस होटल के पास से बहती है.
जैसल सिंह,
होटल से पशु-पक्षियों और स्थानीय समुदाय को भी लाभ
जंगल से लगाव रखने वाले और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के शौकीन जैसल सिंह ने कहा कि वह पर्यटन का एक ऐसा मॉडल बनाना चाहते थे जिससे जंगल और जंगल के पशु-पक्षियों और स्थानीय समुदाय को भी लाभ हो, ना कि यह सिर्फ एक आलीशान सफारी कैंप बन कर रह जाए.
जंगल के बीच लग्जरी तंबूनुमा होटल
सुजान जवाई होटल बीच जंगल के बीच एक निजी इलाके में बसा है जहां लग्जरी तंबू लगाए गए हैं. यहां प्रोफेशन फील्ड गाइड रहते हैं जो अपने कुशल निर्देशन में पर्यटकों को जवाई लेपर्ड सैंक्चुअरी और जवाई डैम ले जाते हैं. पिछले कुछ सालों में जवाई क्षेत्र तेंदुओं को उनके प्राकृतिक वातावरण में देखने के लिए एक मशहूर पर्यटक स्थल के तौर पर उभरा है. तेंदुओं के अलावा जवाई डैम प्रवासी पक्षियों और मगरमच्छों के लिए भी जाना जाता है.
होटल की कमाई का एक हिस्सा जीव-जंतुओं पर करते खर्च
मगर सुजान जवाई होटल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह होटल टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदाय के लोगों की मदद का एक ईमानदार प्रयास है. इस होटल के संस्थापक रणथंभौर में भी एक होटल चलाते हैं. उनके दोनों होटलों से हुई कमाई के एक हिस्से से स्थानीय समुदाय की मदद की जाती है. इस वजह से स्थानीय जंगली जीव-जंतुओं के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण मदद मिलती है.
होटल ने इलाके के 10 स्कूलों को भी लिया है गोद
सुजान जवाई होटल एक मोबाइल मेडिकल प्राथमिक चिकित्सा सेवा भी चलाता है. होटल ने इस इलाके में 10 स्कूलों को भी गोद लिया है और वहां 5000 बच्चों की पढ़ाई में मदद की जा रही है. इसके अलावा होटल संचालक ऐसे कार्यक्रम चला रहे हैं जिनसे कि जंगल की जमीन को वापस जंगल क्षेत्र में लौटाया जा सके.
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