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This Article is From Mar 14, 2024

Rajasthan Politics: लोकसभा टिकट के लिए गुपचुप जयराम रमेश से मिले नेताजी, वायरल हो रही तस्वीर, पहचान कौन?

जैसलमेर क्षेत्र के कद्दावार नेताओं में शुमार ये नेताजी ने कई बार लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस से दावेदारी पेश करने के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है. देर शाम वायरल हुई यह तस्वीर क्षेत्रीय राजनीति में उबाल ली सकती है. तस्वीर जैसलमेर के कद्दावार एक जाट नेता की है.

Rajasthan Politics: लोकसभा टिकट के लिए गुपचुप जयराम रमेश से मिले नेताजी, वायरल हो रही तस्वीर, पहचान कौन?
कांग्रेस में दफ्तर जाते हुए कैमरे में कैद हुए नेताजी

Lok Sabha Election 2024: जैसलमेर थार के अथाह रेगिस्तान में गर्मी के दिनों में जिस तरह आंधियों के साथ रेत के टीलें परिस्थितियों ले अनुसार अपनी जगह बदलते है. उसी तरह तरह बाड़मेर राजनितिक समीकरण भी बदल रहे है. इसी बीच चार सांसद रहे एक नेताजी नया समीकरण साधने की कोशिश करते हुए कैमरे में कैद हो गए हैं. तस्वीर किसकी है? इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. 

जैसलमेर क्षेत्र के कद्दावार नेताओं में शुमार ये नेताजी ने कई बार लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस से दावेदारी पेश करने के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है. देर शाम वायरल हुई यह तस्वीर क्षेत्रीय राजनीति में उबाल ली सकती है. तस्वीर जैसलमेर के कद्दावार एक जाट नेता की है.

चार बार के सांसद रह चुके जैसलमेर के कद्दावार जाट नेता कर्नल सोनाराम चौधरी लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं और उन्होंने इसके लिए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश से मुलाकात की है.उक्त तस्वीर उस वक्त खींची गई है जब वो कांग्रेस महासचिव से मिलने कांग्रेस दफ्तर में जा रहे थे.

कर्नल सोनाराम चौधरी बुधवार को कांग्रेस महासचिव व सांसद जयराम रमेश के दफ्तर से मुलाकात की है और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. उक्त तस्वीर के बाद वाली तस्वीर यानी जयराम रमेश से कर्नल चौधरी एक मुलाक़ात वाली है.

कर्नल सोनाराम चौधरी और कांग्रेस महासचिव के बीच हुई मुलाक़ात की खबरों के कई माने निकाले जा रहे है. सबसे ज्यादा चर्चा यह निकलकर आ रही है कि कर्नल चौधरी बाड़मेर-जैसलमेर सीट टिकट पक्की करने गए थे. हालांकि अभी वह सामने नही आई है, लेकिन साथ गए एक कर्मचारी ने पुष्टि की है कि कर्नल साहब ने बुधवार शाम को जयराम रमेश से मिले थे.

कर्नल सोनाराम चौधरी के लिए कहा जाता है कि कर्नल चाहे तब टिकट ला सकते है, यहां से नही तो वहां से...क्या इस बार भी ऐसा ही होने वाला है? इस बात का आधार यह है कि जब भी कर्नल चौधरी ने चुनाव लड़ना चाहा और टिकट नहीं मिला, तो पार्टी बदलने में कोताही नहीं करते है.

कर्नल सोनाराम चौधरी का अन्य पार्टी और नेताओं के साथ खास रिश्ता है और इन्हीं नजदीकियों का लाभ उठाकर उन्होंने राजनीतिक यात्रा में समझौता करते हुए पार्टियां भी बदली है. सवाल उठता है कि क्या सोनाराम अपनी टिकट पक्की करने में सफल हो पाऐंगे?

2004 का चुनाव रिकॉर्ड मतों से हार गए थे सोनाराम चौधरी

4 बार सांसद और एक बार विधायक रह चुके कर्नल सोनाराम चौधरी का लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है है. 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रस की टिकट पर लगातार तीन बार सांसद बने कर्नल चौधरी 2004 का चुनाव मानवेन्द्र सिंह से रिकॉर्ड मतों से हार गए थे. 

2014 में कर्नल ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया

2013-14 में कर्नल ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. 2014 में पूर्व राजस्थान सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा में उनकी एंट्री करवाई थी और सांसद की टिकट भी दिलवाई थी. इस बार बागी हुए जसवंत सिंह को मात देकर कर्नल चौधरी सांसद बने, लेकिन भाजपा में 2014 के बाद बड़े स्तर पर हो रहा बदलाव कर्नल चौधरी को रास नही आया.

विधानसभा चुनाव 2023 में बुरी तरह हारे सोनाराम चौधरी

कर्नल सोनाराम चौधरी 10 साल बीजेपी में रहने के बाद 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले फिर बीजेपी को अलविदा कहकर कांग्रेस में घर वापसी कर ली थी. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कर्नल चौधरी कांग्रेस के टिकट पर बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन वो चुनाव हार गए.

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