
Ayodhya Ram Mandir Inauguration: संपूर्ण देश में अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह, उमंग और खुशी का माहौल देखा जा रहा है. राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी मने जाने वाले जोधपुर में रहने वाली साध्वी प्रीति प्रियंवदा का संकल्प भी अब सिद्ध होता जा रहा है. जहां राम मंदिर के निर्माण के लिए साध्वी ने 13 करोड़ राम नाम जप जिसे 'विजय मंत्र' भी कहा जाता है.
अयोध्या से आया निमंत्रण पत्र

जोधपुर की प्रसिद्ध साध्वी को मिला आमंत्रण पत्र
इस संकल्प के साथ ही उन्होंने राम मंदिर बनने तक यह प्रतिज्ञा ली थी, जो अब साकार हो रही है. जिसके साथ ही साध्वी प्रीति प्रियवंदा को अयोध्या से विशेष निमंत्रण की मिला है. साध्वी प्रीति प्रियवंदा को अयोध्या से निमंत्रण पत्र मिलने के बाद इस बात पर सुकून जताया हैं कि सभी की मेहनत रंग लाई और राम मंदिर आमजन के लिए समर्पित हो रहा है.
राम मंदिर भारत की अस्मिता का प्रतीक
साध्वी प्रीति प्रियवंदा ने बताया कि राम मंदिर भारत की अस्मिता का सबसे बड़ा प्रतीक है. मंदिर का निर्माण वर्षों का स्वप्न है. शास्त्रों में अयोध्या को भारत का मस्तक बताया गया है. और राम मंदिर उस पर तिलक है. 570 वर्ष पूर्व मीर कासिम ने इस मंदिर को ध्वस्त किया और आस्था को भी ठेस पहुंचाई, तब से लेकर 1984 तक अनगिनत बार इसके लिए संघर्ष हुए बलिदान हुआ.
राम जय राम जय जय राम ('विजय मंत्र')
साध्वी ने बताया कि ब्रह्म चैतन्य गोंधवलेकर महाराज 100 वर्ष पूर्व हुए थे उन्होंने पूरे भारत में श्री राम जय राम जय जय राम मंत्र के जप का प्रचार किया था. उन्हीं के कुल परंपरा में श्री राम महाराज हुए उनका दिव्य सानिध्य हमें प्राप्त हुआ. लगभग 700 की संख्या में जापक आए और 16 घंटे बैठकर उन्होंने जप किया. इस तरह 11 दिन में 13 करोड़ जप हुए. यह जप महाराज गोंधवलेकर की प्रतिमा के सम्मुख हुए इसे बाद में कार सेवक पूर्व में स्थापित किया गया.
साध्वी प्रीति प्रियवंदा ने बताया कि मेरे जैसे तुच्छ प्राणी को निमित्त बनाया इसलिए मेरे हृदय में हर्ष की कोई सीमा नहीं है. मुझे विश्व हिंदू परिषद और तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से अधिकृत निमंत्रण मिला है. यह मेरे लिए हर्ष की बात है.