Jal Jeevan Mission: जीवन मिशन योजना के तहत हर गांव, घर में 2024 तक पानी पहुंचाने का केंद्र सरकार का लक्ष्य है. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से नल कनेक्शन का काम धीमा ही नहीं चला रहा बल्कि घटिया माल की भी इसमें प्रयोग हो रहा है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जिले बांसवाड़ा के बारे में.
सांसद की अध्यक्षता में आपात बैठक
जिले में ईडी की कार्रवाई के बाद फिर जल जीवन मिशन के कामों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने सांसद कनकमल कटारा की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाई और सभी अधिकारियों को ठेकेदारों को फटकार लगाते हुए जल जीवन मिशन योजना का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
19.12 फीसदी ही कार्य धरातल पर
बांसवाड़ा जिले में लक्ष्य के मुताबिक जिले में 19 जनवरी 2024 तक 19.12 फीसदी ही कार्य धरातल पर हुआ है. यानी 3 लाख 81 हजार 297 लक्ष्य के मुकाबले केवल 72 हजार 910 जल कनेक्शन दिए गए हैं. जिस रफ्तार से काम चल रहा है उससे तो लक्ष्य पूरा करने में 10 साल और लगेंगे.
बांसवाड़ा प्रदेश में 50वें स्थान पर
प्रदेश में बांसवाड़ा जिला सबसे आखिरी पायदान पर है. यानी 50वें स्थान पर. जहां प्रदेशभर में औसतन 45.88 फीसदी कार्य हुआ है. जिले में जहां जेपीए, फर्म ने जल जीवन मिशन के तहत 200 करोड़ से अधिक के काम टेंडर में लिए हैं. जब हमारे संवाददाता ने जिले में अलग-अलग इलाकों में 'नल से जल' स्कीम के तहत किए गए कार्यों की पड़ताल की तो भ्रष्टाचार की तह खुलती नजर आई.
कहीं नल नहीं तो कहीं जल नहीं
घाटोल, गढ़ी, सज्जनगढ़ सहित पंचायत समिति के गांवों में पड़ताल करने पर यह सच सामने आया कि कई जगहों पर खाली नल लगा दिए गए है. इसमें टोंटियां तक नहीं लगाई गई है. तो कहीं नल तो लगा है लेकिन आज तक पानी नहीं आया है.
इसे भी पढ़े: Rajasthan: लक्षद्वीप की तरह दिखने वाला राजस्थान का ये शहर बनेगा नया वेडिंग डेस्टिनेशन सेंटर