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Rajasthan Politics: विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के जरिए सरकार सदस्यों की जुबान पर लगाना चाहती है तालाः टीकाराम जूली

Privilege violation motion: टीकाराम जूली ने कहा कि "सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा सदस्य के स्थगन प्रस्ताव की प्रतिक्रिया में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह कोई भी विधायक आम जन के मुद्दे को नहीं उठा पायेगा."

Rajasthan Politics: विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के जरिए सरकार सदस्यों की जुबान पर लगाना चाहती है तालाः टीकाराम जूली
टीकाराम जूली (फाइल फोटो)

Tikaram Julie Statement: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भरतपुर विधायक सुभाष गर्ग के स्थगन प्रस्ताव की प्रतिक्रिया के तौर पर उनके खिलाफ सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग द्वारा विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. दरअसल सोमवार को सरकारी मुख्य सचेतक द्वारा सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया. इसको लेकर जूली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि "डॉ. सुभाष गर्ग ने 24 फरवरी 2025 को राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया के नियम-50 के अन्तर्गत स्थगन प्रस्ताव के जरिए भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के लोहागढ़ फोर्ट के अन्दर वर्षों से रह रहे है.

30 हजार गरीब परिवारों को सड़कें चौड़ी करने के नाम पर उन लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है. और उन्हें प्रशासन द्वारा अवैध तरीके से नोटिस दिये जा रहे हैं. जबकि इस फोर्ट के अन्दर व्यापारिक, शैक्षिक, व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों को संचालन हो रहा है."

'1952 के बाद पहली बार ऐसा हुआ'

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि "वर्ष 1952 से लेकर अब तक यह पहला अवसर है, जब किसी सदस्य को स्थगन प्रस्ताव पर जनता की आवाज उठाने पर नोटिस दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर मीडिया खिलाफ बोलता है तो मीडिया को बन्द कर देते है और विधायक बोलता है तो उसको नोटिस दे दिया जाता है.   

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि इस प्रकार से सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. सरकार द्वारा इस प्रकार का प्रस्ताव लाना गलत है, यह नई परिपाटी डाल रहे है. उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को सदन में उठाना विधायकों का अधिकार है, इस प्रकार से सरकार विधायकों की आवाज को दबाना चाहती है."

'सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन'    

जूली ने बताया कि "जब यह विषय आसन के सामने लाया गया, तब उन्होंने आसन से भी आग्रह किया कि आप इसे पारित करके सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन कर रहे हैं. आप कृपया इसकी जांच करवा लेते कि कौन लोग इसमें शामिल हैं. हम इसकी जांच के लिये तैयार हैं, आप इसकी जांच करवा लीजिये उसके बाद ही इसे कमेटी को भेजिये." 

'ऐसा करने से विधानसभा की गरिमा कमजोर होगी'

जूली ने कहा कि "राजस्थान विधानसभा की गरिमा पूरे देश के अन्दर सबसे अच्छी है. यहां की परम्पराएं सबसे उच्च रही है, जिन्हें अन्य विधानसभाओं में नजीर के तौर पर देखा जाता है. सरकार ने ऐसा करके उन गरिमामय परम्पराओं को कमजोर करने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे अवसर आते हैं, जब सदन में ज्वलंत और गम्भीर जन समस्याओं को प्रश्न के अलावा स्थगन, पर्ची और अन्य माध्यमों से उठाना पड़ता है. यह पक्ष और विपक्ष सभी 200 सदस्यों का अधिकार है, यदि सरकार इस प्रकार से लोकतंत्र को दबाने की कोशिश करेगी, इससे विधान सभा की गरिमा ही गिरेगी."

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