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कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी जावेद को 'सुप्रीम' राहत, कोर्ट ने जमानत रद्द करने से किया इनकार

Udaipur Tailor Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि राजस्थान हाई कोर्ट ने जावेद को जमानत देते समय जो टिप्पणियां की थीं, उनका ट्रायल पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी जावेद को 'सुप्रीम' राहत, कोर्ट ने जमानत रद्द करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कन्हैया लाल के बेटे की याचिका.

Rajasthan News: उदयपुर के चर्चित कन्हैया लाल हत्याकांड के एक आरोपी जावेद की जमानत बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है. कन्हैया लाल के बेटे यश तेली और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की याचिका को खारिज करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार दोपहर कहा कि वह राजस्थान हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले में दखल नहीं करेगा. यह फैसला कन्हैया लाल हत्याकांड के ट्रायल की गति को देखते हुए आया है, जिसमें अभी भी गवाहों की गवाही जारी है.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो महत्वपूर्ण बातें कही हैं. पहली, अदालत ने यह माना कि वारदात के समय आरोपी जावेद एक किशोर (टीनएजर) था. दूसरा, अदालत ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि मामले की सुनवाई अभी शुरुआती चरण में है. 166 गवाहों में से अब तक सिर्फ 8 लोगों की ही गवाही हुई है, जिससे ट्रायल पूरा होने में काफी समय लग सकता है. इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने जावेद की जमानत को रद्द न करने का फैसला लिया.

'HC की टिप्पणी का ट्रायल पर नहीं होगा असर'

इस फैसले के साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम स्पष्टीकरण भी दिया है. अदालत ने साफ किया है कि राजस्थान हाई कोर्ट ने जावेद को जमानत देते समय जो टिप्पणियां की थीं, उनका ट्रायल पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दरअसल, कन्हैया लाल के बेटे यश तेली के वकील नमित सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी थी कि हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि 'पहली नजर में जावेद किसी आतंकी गतिविधि में लिप्त नहीं था.' वकील ने आशंका जताई थी कि हाई कोर्ट की यह टिप्पणी मामले की सुनवाई पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विराम लगाते हुए कहा कि निचली अदालतें इस टिप्पणी से प्रभावित नहीं होंगी.

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले के बाकी आरोपी, जिनकी जमानत याचिकाएं अभी लंबित हैं, वे जावेद के मामले का हवाला देकर समानता की मांग नहीं कर सकते. यह फैसला बाकी आरोपियों के लिए एक बड़ा झटका है और उन्हें जमानत के लिए अपने मामले की मेरिट के आधार पर ही लड़ना होगा.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला साल 2022 का है, जब उदयपुर के मालदास इलाके में टेलर कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस नृशंस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा फैल गया था. आरोप है कि मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर उनकी हत्या की थी. घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद, आरोपियों ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया था, जिसमें उन्होंने 'सिर तन से जुदा' का दावा किया था. इस घटना के बाद, राजस्थान पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया था. NIA ने 29 जून, 2022 को इस मामले को फिर से दर्ज किया था.

कन्हैया लाल के बेटे और NIA की याचिका खारिज 

कन्हैया लाल के बेटे और एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपी जावेद की जमानत को रद्द करने की मांग की थी. याचिका में यह दलील दी गई थी कि जावेद का अपराध गंभीर है. उन पर आरोप है कि उन्होंने हमलावरों को कन्हैया लाल के ठिकाने और उनकी दुकान में मौजूदगी के बारे में जानकारी दी थी. इन दलीलों पर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जावेद की जमानत के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया था, लेकिन अब इस पर अंतिम फैसला सुना दिया है.

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