
Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले के कैथवाड़ा गांव में रहने वाले मासूम मयंक के पिता भीम सिंह एक साल से अपने बेटे के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं. तीन साल के मयंक का उत्तरप्रदेश के मथुरा के एक अस्पताल में ऑपरेशन हुआ, जिसमें उसकी एक किडनी गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस घटना बाद उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिला है.
पेट दर्द से शुरू हुआ दुखद सफर
भीम सिंह ने बताया कि जब मयंक डेढ़ साल का था, तब उसके पेट में दर्द और सूजन शुरू हुई. मथुरा के केडी मेडिकल हॉस्पिटल में जांच के बाद डॉक्टरों ने पेट में 800 ग्राम की गांठ होने की बात कही.
30 मई 2024 को ऑपरेशन हुआ और गांठ निकालने के बाद मयंक को छुट्टी दे दी गई. लेकिन आठ महीने बाद फिर से पेट दर्द शुरू होने पर भीम सिंह उसे अलवर के हरीश हॉस्पिटल ले गए. वहां अल्ट्रासाउंड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मयंक की बाईं किडनी गायब है.
अस्पताल वालों ने दी धमकी
भीम सिंह ने बेटे को जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने भी किडनी न होने की पुष्टि की. जब वे केडी मेडिकल हॉस्पिटल गए तो वहां उन्हें धमकाया गया और जेल में बंद करने की चेतावनी दी गई. भीम सिंह ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
ये डॉक्टर नहीं, कसाई हैं
न्याय की आस में भीम सिंह ने मार्च 2025 में मथुरा के कंज्यूमर कोर्ट में अस्पताल के खिलाफ याचिका दायर की, लेकिन पांच महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. भीम सिंह का कहना है, “पहली जांच में मयंक की दोनों किडनियां थीं, लेकिन ऑपरेशन के दौरान उसकी किडनी निकाल ली गई. ये डॉक्टर नहीं, कसाई हैं.”
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