
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना में बड़े बदलाव किए हैं. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब विदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए केवल 150 विद्यार्थियों को ही स्कॉलरशिप मिलेगी, जबकि पहले यह संख्या 500 थी. वहीं देश के संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 200 से बढ़ाकर 350 कर दी गई है. इस बदलाव ने सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस छेड़ दी है.
जानें क्या है नया बदलाव
स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना की शुरुआत 2021-22 में हुई थी. तब विदेश में पढ़ाई के लिए 500 सीटें तय की गई थीं. बाद में इसे घटाकर 300 और अब 150 कर दिया गया है.
दूसरी ओर देश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप की सीटें 200 से बढ़कर 350 हो गई हैं. सरकार का कहना है कि यह बदलाव संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए किया गया है, लेकिन विपक्ष इसे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहा है.
विपक्ष का सरकार पर हमला
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले इस योजना की राशि रोकी और अब विदेश में पढ़ाई के लिए सीटें घटाकर गरीब व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों के सपनों पर कुठाराघात किया है.
जूली ने सवाल उठाया कि जब सरकार मंत्रियों के डिनर पर लाखों रुपये खर्च कर सकती है, तो विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप क्यों काट रही है? उन्होंने इसे शिक्षा विरोधी नीति करार दिया.
विद्यार्थियों में छाई निराशा
इस बदलाव से मेधावी विद्यार्थियों में निराशा है. कई छात्र जो विदेश में पढ़ाई का सपना देख रहे थे, अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. विपक्ष का आरोप है कि सरकार शिक्षा के अवसरों को सीमित कर रही है. इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है और विद्यार्थी समुदाय सरकार से जवाब मांग रहा है.
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