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This Article is From Jan 27, 2024

बढ़ा समर्थन मूल्य तो मंडी में पहुंचने लगे किसान, बीकानेर में लगा मूंगफली का ढ़ेर 

राजस्थान में समर्थन मूल्य बढ़ने की वजह से मंडी में मूंगफली बेचने वाले किसानों की तादाद बढ़ गई है. किसान मूल्य बढ़ाने को लेकर धरना देने वाले थे, उससे पहले ही इसके दाम बढ़ गए.

बढ़ा समर्थन मूल्य तो मंडी में पहुंचने लगे किसान, बीकानेर में लगा मूंगफली का ढ़ेर 
फाइल फोटो

Support Price Increase: बीकानेर की अनाज मंडी में इन दिनों मूंगफली की आवक एकदम से बढ़ गई है. जहां पहले रोजाना लगभग 1 दर्जन किसान मूंगफली बेचने आते थे, वहीं अब समर्थन मूल्य बढ़ने की वजह से इनकी तादाद भी दोगुनी बढ़ गई है. मंडी में इन दिनों मूंगफली के भाव 5000 से 6500 रुपए के बीच हैं. वहीं समर्थन मूल्य पर किसानों को 6300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे हैं. साथ ही मूंगफली के बाजार में पिछले एक महीने से करीब 2 हजार रुपए की गिरावट आई है.

NDTV की टीम ने अनाज मंडी में आए किसानों, व्यापारियों और अध्यक्ष से बात की उनका कहना है कि यहां मूंगफली खरीदने के लिए बोलियां लगाई जा रही हैं. कुछ दिनों पहले मूंगफली के इतने ढेर यहां देखने को नहीं मिलते थे. लेकिन अब जब बाजार मूल्य कम हो गया तो किसानों ने अपनी फसल को उठा कर समर्थन खरीद केन्द्रों पर रख दिया. 

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फसलों की खरीद से बढ़ने लगे किसान

किसानों की संख्या में अचानक हुई बढ़ोतरी का एक कारण ये भी माना जा रहा है कि बारदाने के स्टैंडर्ड साइज को लेकर कई दिनों तक मूंगफली की खरीद नहीं हो पाई थी. अब फिर से खरीद शुरू होने पर किसानों का आवागमन शुरू हो गया है. वहीं किसानों का ये भी कहना है की अब समर्थन मूल्य केन्द्रों पर भी खरीद लिमिट की जा चुकी है और नए टोकन जारी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में वह अपनी फसल बेचने के लिए कहा जाएं.

किसानों ने मंत्री को भेजी थी शिकायत

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से बारदाने के स्टैंडर्ड साइज को लेकर विरोधाभास चल रहा था, जिसकी वजह से मूंगफली की खरीद नहीं हो पा रही थी. इसकी शिकायत किसानों ने राजफेड और नेफेड के अधिकारियों के साथ ही सहकारी मंत्री गौतम कुमार दक को भी शिकायत भेजी थी. किसान आज जिला कलेक्ट्रेट के आगे प्रदर्शन भी करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही नेफेड की तरफ से मूंगफली खरीदे जाने को हरी झंडी दे दी गई.

मूंगफली की बिक्री का रास्ता साफ 

वेयर हाउस के बाहर पिछले आठ दिनों से खड़े छह ट्रकों में भरी मूंगफली को भी खाली करवा लिया गया. खरीद केन्द्र के इंचार्ज को निर्देश दिए गए कि वह नेफेड के स्टैंडर्ड के मुताबिक मूंगफली की खरीद शुरू कर दें. जिसके बाद खरीद की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बीकानेर की पूगल रोड स्थित अनाज मंडी के विक्रय केन्द्रों पर पड़ी 15 हजार बोरी मूंगफली की बिक्री का रास्ता भी साफ हो गया. 

किसान को फसलों से होती बहुत उम्मीदें 

अनाज मंडी के व्यापारियों और मंडी अध्यक्ष का कहना है की सरकार की नीतियां किसानों के हक में होनी चाहिए. किसान फसल लेकर आता है तो उसकी बहुत सी उम्मीदें होती हैं. वो पूरे साल के खर्चे का हिसाब बना कर अपनी फसल को बेचता है. उसे उचित कीमत मिलनी चाहिए. फसल खरीद में व्यापारी या आढ़ती को कोई नुकसान नहीं होता, चाहे फसल किसी भी कीमत में बिके या खरीदी जाए. लेकिन मुनासिब कीमत नहीं मिलने पर किसान को ही नुकसान उठाना पड़ता है.

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