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कौन नहीं चाहता है किरोड़ी लाल मीणा की वापसी? मंत्री बनने के डेढ़ घंटे बाद ही बन गए विधायक

मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार (13 अगस्त) को क़रीब डेढ़ घंटे के लिए फिर से मंत्री पद रहे थे. लेकिन फिर से विधायक बन गये.

कौन नहीं चाहता है किरोड़ी लाल मीणा की वापसी? मंत्री बनने के डेढ़ घंटे बाद ही बन गए विधायक
Kirodi Lal Meena

Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा के क़द्दावर नेता किरोड़ी लाल मीणा का मंत्री पद से इस्तीफ़ा एक ऐसी सियासी पहेली बनी हुई है, जो सुलझने की बजाय लगातार उलझती ही जा रही है. क़रीब एक महीने पहले मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे चुके किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार (13 अगस्त) को क़रीब डेढ़ घंटे के लिए फिर से मंत्री पद रहे थे. लेकिन फिर से विधायक बन गये. सवाल ये कि अचानक से ऐसा क्या हुआ कि अपने ट्विटर बायो पर किरोड़ी लाल मीणा ने पहले कैबिनेट मंत्री लिखा फिरे इसे हटा दिया और विधायक बन गए. 

राजस्थान में इस घटनाक्रम को लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर है. हर कोई अपने-अपने तरीक़े से इसका आकलन करने में जुटा है. साथ ही बड़ा सवाल की डेढ़ घंटे में ऐसा क्या हुआ जो मीणा का मन बदल गया.

कौन नहीं चाहता किरोड़ी लाल की वापसी

सियासी जानकार कह रहे हैं मदन राठौड़ के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफ़े को लेकर रुख़ नरम था. दिल्ली में मदन राठौड़ से उनकी मुलाक़ात की तस्वीर और बाद में मदन राठौड़ का किरोड़ी लाल को लेकर सकारात्मक बयान ये बता रहा था कि हालात जल्द ही सही हो जाएंगे. बग़ावती तेवर शांत हो जाएंगे. यही कारण था कि पूर्वी राजस्थान में आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे के लिए किरोड़ी लाल मीणा ने कार्यक्रम भी जारी कर दिया था. दौरे पर जाने से पहले अपने ट्विटर हैंडल पर कैबिनेट मंत्री भी लिख दिया था लेकिन बताया जा रहा है किरोड़ी लाल मीणा के दौरे से पहले ही गंभीर नदी में बहे सात युवकों के परिजनों को जिला कलेक्टर के और से राहत के चेक दे दिए गए. बस इसी बात से नाराज़ होकर किरोड़ी लाल मीणा ने अपना बायो फिर से बदल कर विधायक कर लिया. डेढ़ घंटा मंत्री रहने के बाद किरोड़ी लाल फिर से विधायक बन गए. 

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अब सवाल यह भी उठता है कि आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में जब किरोड़ी लाल मीणा पूर्वी राजस्थान के प्रभावित इलाकों के दौरे पर निकले थे और पीड़ित परिवार से मिलने का उनका कार्यक्रम था. ऐसे में जिला कलेक्टर ने किसके इशारे पर चेक सौंपे. क्या राजस्थान में भी एक पोलिटिकल धड़ा ये चाहता है कि मीणा का इस्तीफ़ा वापस नहीं हो. किरोड़ी लाल मीणा फिर से मंत्री पद का कामकाज नहीं संभालें. पूरा सियासी घटनाक्रम इसी ओर इशारा कर रहा है.

मंत्री की हैसियत से नहीं आया हूं- किरोड़ी लाल मीणा

मदन राठौड़ ने प्रेसवार्ता में कल जब पत्रकारों ने सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा आपदा प्रबंधन मंत्री आपदा प्रबंधन कार्यों का जायज़ा लेने जा रहे हैं. लेकिन आज किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वे आपदा प्रबंधन मंत्री है लेकिन इस्तीफ़ा दे रखा हैं. मैं मंत्री की हैसियत से यहां नहीं आया हूं. आदत है इसलिए दुख-दर्द जानने आया हूं. जनता को राहत दिलाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे. 

बहरहाल कहा जा सकता है कि राजस्थान की भाजपा की सियासत में किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफ़ा एक ऐसा सियासी सवाल है. जिसका कोई ठीक-ठीक जवाब फ़िलहाल किसी के पास नहीं है. सरकार किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं कर रही है और अब किरोड़ी लाल मीणा किसके कहने पर मानेंगे ये किसी को नहीं पता है.

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