
Politburo Member MP Amararam: राजस्थान के सीकर से सांसद अमराराम को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में बड़ी जिम्मेदारी मिली है, उन्हें पोलित ब्यूरो का सदस्य चुना गया है. यह राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका है, जब किसी नेता को यह जिम्मेदारी दी गई है. CPI(M) का 24वां राष्ट्रीय महासम्मेलन तमिलनाडु के मदुरै में आयोजित किया गया, जिसमें राजस्थान का डेलिगेशन पहुंचा. इस दौरान पार्टी की ओर से यह बड़ा फैसला लिया गया.
अमराराम का राजनीतिक करियर
अमराराम ने राजस्थान में बतौर एक सरकारी शिक्षक के रूप में अपना काम किया, हालांकि बाद में वह छात्र राजनीति से जुड़ें. उन्होंने अपने राजनीति की शुरुआत स्टूडेंट पॉलिटिक्स से की. अमराराम छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़ें, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का ही स्टूडेंट विंग है.
साल 1979 में वह कल्याण सिंह कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए. अमराराम 2 बार सरपंच, 4 बार विधायक और 2024 में सांसद बनें. अमराराम ने कॉलेज, गांव, विधानसभा और संसद में पहुंचकर जनता का प्रतिनिधित्व किया. साथ ही उन्होंने पार्टी के कई राष्ट्रीय स्तर के पद पर भी पार्टी का नेतृत्व किया. अमराराम के लंबे राजनीतिक अनुभव के चलते पार्टी ने उन्हे यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
पोलित ब्यूरो के सदस्य की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण
बता दें कि कम्युनिस्ट देशों ने सोवियत मॉडल को देखकर पोलित ब्यूरो जैसी संस्थाओं को बनाया. कम्युनिस्ट विचारधारा को मानने वाले कई देशों ने इसे अपनाया. भारत की कम्युनिस्ट पार्टियों ने भी इसे अपनाया है और पार्टी में इस पद की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. पोलित ब्यूरो के सदस्य पार्टी में नीतियों को बनाने और किसी जरूरी कार्यक्रम में अंतिम निर्णय लेने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
साथ ही जहां कम्युनिस्ट की सरकार है वहां देश के आंतरिक और विदेश नीति में भी अपना दिशा-निर्देश देते हैं. पोलित ब्यूरो के सदस्य आमतौर पर अनुभवी और सीनियर लोगों को बनाया जाता है, यह एक राजनीतिक पद है. साथ ही यह कम्युनिस्ट पार्टी की सबसे शक्तिशाली इकाई है.
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