BJP Leader Nauksham Choudhary Profile: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी (BJP 3rd Candidate List) कर दी है. पार्टी ने तीसरी लिस्ट में 58 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. इन 58 नामों में एक नौक्षम चौधरी (Nauksham Choudhary) का है. भाजपा का टिकट मिलते ही नौक्षम चौधरी अचानक से चर्चा में आ गई है. लोग उनके बारे में जानने को उत्सुक है. उनकी तस्वीरें और कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आइए जानते हैं भाजपा नेता नौक्षम चौधरी का पूरा प्रोफाइल.
भाजपा ने कामां विधानसभा से मैदान में उतारा
भाजपा ने भरतपुर जिले के कामां विधानसभा सीट से नौक्षम चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. नौक्षम पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. तब पार्टी ने उन्हें पुन्हाना विधानसभा सीट से सीटिंग विधायक रहीश खान का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था. लेकिन नौक्षम को हरियाणा में हार का सामना करना पड़ा था.
हरियाणा में विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं नौक्षम
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पुन्हाना सीट से नौक्षम चौधरी को 21 हजार वोट मिले थे. वो कांग्रेस के मोहम्मद इलियास से 13 हजार वोटों के अंतर से हार गई थीं. पुन्हाना में नौक्षम तीसरे नंबर पर रही थीं. भाजपा के बागी रहीश खान दूसरे नंबर पर थे. जिनका टिकट काटकर पार्टी ने नौक्षम को मौका दिया था.
मंत्री जाहिदा खान की सीट से भाजपा ने दिया मौका
अब भाजपा ने नौक्षम चौधरी को कामां विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. यहां से कांग्रेस की जाहिदा खान विधायक हैं. जाहिदा खान गहलोत सरकार में मंत्री भी हैं. हालांकि बीते कुछ महीने से उनका क्षेत्र में विरोध हो रहा है. अब देखना होगा कि नौक्षम चौधरी जाहिदा खान को कितना टक्कर दे सकती हैं.
मां IAS ऑफिसर, पिता रिटायर जज
नौक्षम की मां रंजीता कौर हरियाणा काडर में IAS ऑफिसर हैं और पिता आरएस चौधरी रिटायर जज हैं. नौक्षम DU के मिरांडा हाउस कॉलेज से पढ़ी हैं और फिर लंदन से पढ़ाई कर लौटी. उन्होंने इतिहास में एमए किया है. उसके बाद वे लंदन भी पढ़ाई करने गयी थी.
लंदन में नौक्षम ने उन्होंने मीडिया प्रोमोशन एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद उन्हें मोटी सैलरी वाली नौकरी मिली थी. लेकिन उन्होंने नौकरी के बदले समाज सेवा को चुना और 2019 में भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने हरियाणा में उतर गई.
दिल्ली के मिरांडा कॉलेज में छात्र संघ की नेता भी थी नौक्षम
दिल्ली के मिरांडा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान नौक्षम ने छात्र राजनीति भी की. वो छात्र संघ की नेता रहीं. यही नौक्षम को राजनीति का स्वाद मिला. मिरांडा कॉलेज के बाद वह तीन साल तक लंदन में रहीं, लेकिन अपने पूर्वजों की धरती के पिछड़ेपन की खबर ने उन्हें विदेश की सुख-सुविधाएं छोड़कर पुन्हाना आने पर मजबूर कर दिया.
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