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This Article is From Mar 12, 2024

Rajasthan Politics: BAP से गठबंधन के लिए क्यों तैयार नहीं हैं वागड़ के कांग्रेस नेता? वोट बैंक खिसकने का डर या कुछ और है वजह

Lok Sabha Election 2024: पिछले विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस का वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी में यह डर है कि यदि एक बार इसको पैर जमाने का मौका मिल गया तो आदिवासी समाज का वोट बैंक खिसक कर भारत आदिवासी पार्टी में शामिल हो जाएगा और जिसके चलते भविष्य में कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.

Rajasthan Politics: BAP से गठबंधन के लिए क्यों तैयार नहीं हैं वागड़ के कांग्रेस नेता? वोट बैंक खिसकने का डर या कुछ और है वजह
डोटासरा के साथ वागड़ के कांग्रेस नेता

Banswara-Dungarpur Lok Sabha Seat: राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटों को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करने के साथ ही मिशन 25 भी प्रारंभ कर दिया है और इसके तहत जगह-जगह सभाओं का आयोजन भी शुरू कर दिया है, लेकिन इसके उलट कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. वहीं वह विभिन्न क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन को लेकर भी चर्चा की जा रही है, हालांकि दक्षिण राजस्थान की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी भारत आदिवासी पार्टी के साथ स्थानीय विधायक गठबंधन से करने के इच्छुक नहीं है तो वहीं भारत आदिवासी पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

कांग्रेस आलाकमान चाहता है गठबंधन 

बांसवाड़ा डूंगरपुर-लोकसभा क्षेत्र के आठ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने पांच विधान सभा सीट पर कब्जा किया था और वहीं भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक और भारत आदिवासी पार्टी का एक विधायक निर्वाचित हुए. इस हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस का ही दावा मजबूत नजर आ रहा है. इसके बावजूद कांग्रेस का हाई कमान क्षेत्रीय पार्टी भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन पर विचार कर रहा है और अभी तक पार्टी ने अपना प्रत्याशी भी घोषित नहीं किया है.

'हमारी और उनकी विचारधारा अलग'

वहीं बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के सभी कांग्रेस विधायक भारत आदिवासी पार्टी से किसी तरह का गठबंधन नहीं करना चाहते इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और भारत आदिवासी पार्टी की विचारधारा में बहुत अंतर है इसके चलते वह गठबंधन नहीं करना चाहते ,लेकिन इसके पीछे का कारण समझा जाए तो कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को अपना वोट बैंक खिसकने का डर है जिसके चलते वह भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन नहीं करना चाहते.

वोट बैंक खिसकने का डर!

पिछले विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस का वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी में यह डर है कि यदि एक बार इसको पैर जमाने का मौका मिल गया तो आदिवासी समाज का वोट बैंक खिसक कर भारत आदिवासी पार्टी में शामिल हो जाएगा और जिसके चलते भविष्य में कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा.

तीनों पार्टियों में कांटे की टक्कर

कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया द्वारा कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के से यह लोकसभा क्षेत्र प्रदेश की हॉट सीट बन गई है. यहां विधान सभा चुनाव में भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था. बांसवाड़ा- डूंगरपुर लोकसभा चुनाव में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा. लोकसभा सीट की 8 विधानसभा चुनाव में तीनों पार्टियों के वोट में ज्यादा अंतर नहीं था. विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे अधिक 5 लाख 97 हजार 059 वोट मिले थे. वहीं भारतीय जनता पार्टी को  5 लाख 30 हजार 123 वोट मिले थे जबकि तीसरे स्थान पर रही भारत आदिवासी पार्टी को 4 लाख 81 हजार 591 वोट मिले थे. इसके चलते लोकसभा चुनावों में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.

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