Prahlad Gunjal: जेल में बंद नरेश मीणा के समर्थन में शनिवार को नगरफोर्ट में हुई महपंचायत में कांग्रेस नेता प्रह्लाद गुंजल ने बताया कि देवली-उनियारा के समरावता में चुनाव के दिन हुई हिंसा के बाद और उससे पहले नरेश मीणा के कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद वो क्यों चुप रहे. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये प्रह्लाद गुंजल ने कहा कि वो उस समय इसलिए ख़ामोश रहे क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं नरेश मीणा के निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे उनका हाथ ना बता दें.
प्रह्लाद गुंजल ने कहा, नरेश मीणा मेरे छोटे भाई की तरह है, उसने निर्दलाय चुनाव लड़ लिया. सच मानना, उसकी निर्दलीय उम्मीदवारी का मैंने समर्थन नहीं किया था, मना किया था. मन में बहुत गुस्सा होने के बाद भी मैं बहुत दिनों तक चुप रहा. क्योंकि कुछ लोग मेरे ऊपर आरोप ना लगा दें कि मैंने उसको चुनाव लड़ने के लिए संरक्षण दिया. ''
उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन आज मैं आज आप लोगों से पूछना चाहता हूं, भारत दुनियां का सबसे बड़ा प्रजातंत्र है, जब लोग मतदान करते हैं, और अपनी सरकार चुनता है. चुनाव से नेता का निर्माण होता है. नरेश मीणा भी राजस्थान यूनिवर्सिटी से राजनीति में आया था''
जयपुर में महापड़ाव की चेतावनी
प्रह्लाद गुंजल ने कहा कि 13 तारीख की समरावता की घटना ने सारे देश को हिलाकर रख दिया. क्या एक महिला का हाथ पकड़कर एक अधिकारी का घसीटना अपराध नहीं है. एक नौजवान लड़के ने निर्दलीय चुनाव लड़ लिया. चुनाव से नेता का निर्माण होता है. नरेश मीणा ने जनता के विश्वास और भरोसे से चुनाव लड़ा.
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने सारे शासन को उसको रोकने में लगा दिया. कांग्रेस नेता ने प्रदेश की भजन लाल सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार 10 दिनों में हमारी मांगों को मान ले, वर्ना जयपुर में महापड़ाव होगा.
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