
Ganesh Ghogra: राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर अमर्यादित बयान का मुद्दा तूल पकड़ रहा है. शुक्रवार (28 फरवरी) राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक गणेश घोघरा ने सत्ता पक्ष के विधायक को आपत्तिजनक शब्द कहे. इसका वीडियो वायरल भी हो रहा है. वहीं सदन में इस पर बवाल भी हुआ है. वहीं गणेश घोघरा के अमर्यादित बयान को लेकर उन पर कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए पार्टी भी कार्रवाई कर सकती है. घोघरा के बयान पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखना सभी विधायकों की जिम्मेदारी है और इस तरह की भाषा न तो कांग्रेस की संस्कृति है और न ही सदन की परंपरा. टीकाराम जूली ने स्पष्ट किया कि जब यह बयान दिया गया तब वह सदन में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वह लंच के लिए बाहर गए थे. लेकिन जैसे ही उन्हें इस बारे में जानकारी मिली उन्होंने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया.
घोघरा ने किस शब्द का किया था इस्तेमाल
दरअसल, जनजाति और सामाजिक न्याय विभाग की अनुदान मांगों पर बहस जारी था. इसी दौरान डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा अपनी बात कह रहे थे. लेकिन इस बीच जब सत्तापक्ष के एक अन्य विधायक द्वारा घोघरा को टोका तो उन्होंने अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए कहा- 'ओए बात मत कर नहीं तो मेरा जूता बात करेगा. बीच में डिस्टर्ब मत कर'.
'बीच में बोला तो मेरा जूता बात करेगा'
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) February 28, 2025
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की बदजुबानी#Rajasthan pic.twitter.com/NjjQEeUTHb
विधायक दल की बैठक में घोघरा से की जाएगी बात
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधायक दल की बैठक में इस मामले पर चर्चा की जाएगी और संबंधित विधायक से बात होगी. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं की भाषा और व्यवहार को लेकर बेहद सख्त है और ऐसी भाषा के प्रयोग को उचित नहीं ठहराया जा सकता.
बयान को कार्यवाही से हटाने की अपील
टीकाराम जूली ने यह भी कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करेंगे कि इस बयान को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए. उन्होंने दोहराया कि सदन में मर्यादा और गरिमा बनी रहनी चाहिए और सभी दलों को इस पर ध्यान देना चाहिए.
टीकाराम जूली ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कांग्रेस अपने विधायकों को सख्त निर्देश देगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक बहस में मर्यादित भाषा का इस्तेमाल जरूरी है और कांग्रेस हमेशा संसदीय गरिमा बनाए रखने की पक्षधर रही है.
यह भी पढ़ेंः विधानसभा में बाबा साहब को चुनाव हराने के मुद्दे पर बवाल, बाबूलाल खर्राड़ी और टीकाराम जूली के बीच तथ्यों पर तकरार